मल्टीपल स्केलरोसिस में बोन मैरो प्रत्यारोपण का प्रयोग

2012 में मार्ग दुर्घटना के शिकार हुए अनमोल ने दुनिया से जाते हुए 34 लोगों को अंगदान के जरिए नया जीवन दिया था। अनमोल की बहन कनिका को मल्टीपल स्केलेरोसिस बीमारी का पता चला तो परिवार के सभी लोग हताश हो गए। बीमारी की वजह से कनिका के हाथ-पैर संवेदनहीन हो गए थे। एम्स में बीमारी की जांच के बाद फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों ने बोन मैरो प्रत्यारोपण कर उसे बीमारी से सुरक्षित कर दिया।
कनिका का इलाज करने वाले फोर्टिस अस्पताल के डॉ. राहुल भार्गव ने बताया कि मल्टीपल स्केलेरोसिस में खून की नई सेल्स बनाने वाली प्रक्रिया कम होने लगती है। अभी तक बीमारी का सटीक कारण पता नहीं है। लेकिन कनिका के मामले में चिकित्सकों ने बोन मैरो प्रत्यारोपण के जरिए स्टेम सेल्स की मदद से रोगप्रतिरोधक क्षमता को सही करने का प्रयोग किया। बीमारी के इलाज के लिए कनिका अब तक महंगी स्टेरॉयड दवाओं के भरोसे थी। नई और स्वस्थ्य स्टेम सेल्स प्रत्यारोपण के बाद कनिका की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। अस्पताल के क्षेत्रीय निदेशक सिमरदीप सिंह गिल ने बताया कि स्टेम सेल्स के जरिए इम्यून या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करने वाली बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है। बीते कुछ दिनों में अस्पताल ने ऐसे कई प्रयोग किए है। मौके पर उपस्थित अनमोल के पिता ने कहा कि बेटे के बाद बेटी की बीमारी से सभी मायूस थे, बीमारी के कारण कनिका की पढ़ाई भी बीच में ही छूट गई, लेकिन बीएमटी (बोन मैरो प्रत्यारोपण) के बाद अब उसके स्वस्थ्य होने की उम्मीद बढ़ी है।

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