मोहल्ला क्लीनिक पर दी गई बच्चों को प्रतिबंधित दवा, तीन की मौत

नई दिल्ली,
दिल्ली में प्राथमिक इलाज के लिए बनाए गए मोहल्ला क्लीनिक पर बच्चों को प्रतिबंधित दवा दी गई। तबियत बिगड़ने पर सभी बच्चों को कलावती बाल सरन चिकित्साल में भर्ती किया गया, जिसमें तीन बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत के लिए गठित सीडीएससीओ ( सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन) की जांच कमेटी ने इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट औषधि नियंत्रक विभाग दिल्ली सरकार को भी भेज दी गई है। निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं दिल्ली सरकार को इस संदर्भ में भेजे गए पत्र में तत्काल प्रभाव से दिल्ली के सभी मोहल्ला क्लीनिक पर दवा के प्रयोग को रोकने के आदेश दिए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के सबसे बड़े केन्द्र शासित बाल चिकित्सालय, कलावती बाल सरन चिकित्सालय में 16 बच्चों को गंभीर रूप से बीमार होने पर भर्ती किया गया। जिनमें से तीन बच्चों की दो दिन के भीतर ही मौत हो गई। बच्चों की मौत के कारण का पता लगाने के लिए गठित कमेटी ने जांच में पाया कि सभी बच्चों में डेक्सामेटारफन प्वाइजनिंग देखी गई, जिसे चार साल से कम उम्र के लिए प्रतिबंधित किया गया है। जांच में पाया गया कि सभी बच्चों को यह दवा मोहल्ला क्लीनिक पर दी गई, जांच रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली स्वास्थ्य निदेशालय को भेजे गए एक पत्र में दवा की आपूर्ति करने वाली कंपनी ओमेगा फार्मासियुटिकल से ऐसी किसी भी दवा का प्रयोग बच्चों के लिए नहीं किए जाने को कहा गया है। सीडीएससीओ द्वारा गठित जांच कमेटी ने पाया कि बच्चों को प्रतिबंधित दवा दी गई, जिसकी वजह से तीन बच्चों की मौत हो गई, दिल्ली स्वास्थ्य निदेशालय को तुरंत दवा के प्रयोग को बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने को रोकना चाहिए। जांच कमेटी में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि देश में डेक्सामेटार्फन को खांसी जुखाम और गले के संक्रमण के लिए एक निर्धारित मात्रा में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसे चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जा सकता, जबकि विदेशों में इसका 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रयोग प्रतिबंधित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *