सोडा, लाल और प्रसंस्कत मांस खाने से स्तन कैंसर का खतरा

लड़कियों के खाने—पीने की बुरी आदतों को लेकर एक खतरे की घंटी है। जो किशोरियां सॉफ्ट ड्रिंक, प्रसंस्कत मांस ज्यादा खाती हैं और सब्जियां कम खाती है उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा ज्यादा हो सकता है।
एक नये शोध में इसे लेकर चेताया गया है। शोधकतार्ओं ने करीब 45,204 महिलाओं से आंकड़ें एकत्रित किये, जिन्होंने हाई स्कूल में अपने खाने—पीने के बारे में भोजन से जुड़ी आदतों को लेकर एक प्रश्नावली पूरी की थी। उनकी उम्र 33 से 52 वर्ष के बीच है । अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस में प्रोफेसर कैरीन बी मिशेल्स ने कहा, स्तन कैंसर होने में कई साल लगते हैं इसलिए हम यह जानने के लिए उत्साहित थे कि क्या एक महिला के जीवन के शुरआती वषोर्ं के दौरान इस तरह का खान—पान स्तन कैंसर के लिए खतरे बढ़ा सकता है।
वर्ष 1991 में खान—पान की आदतों की प्रश्नावली का इस्तेमाल करते हुये किशोरियों के भोजन का मूल्यांकन किया गया। उस समय इनकी की आयु 27 से 44 वर्ष की थीं और फिर हर चार साल बाद ऐसा किया गया। बाइस साल तक ऐसा करने के बाद यह पाया गया कि जिन 870 महिलाओं ने इन प्रश्नावलियों को भरा था उनमें माहवारी बंद होने से पहले स्तन कैंसर हो गया और 490 महिलाओं में माहवारी बंद होने के बाद स्तन कैंसर हुआ। मिशेल्स के अनुसार कम मात्रा में सब्जियां खाने और डाइट सॉफ्ट ड्रिंक पीने, रिफाइंड शर्करा और काबोर्हाइड्रेट, प्रसंस्कत मांस खाने का संबंध सूजन से है।
उन्होंने कहा, हमारे नतीजों से पता चला कि किशोरावस्था के दौरान इस तरह के खान—पान से लंबे समय तक स्तन की त्वचा में सूजन हो सकती है जिससे माहवारी बंद होने से पहले महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
यह शोध कैंसर एपिडेमायोलॉजी, बायोमार्कर्स एंड प्रीवेंशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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