26 वर्षीय युवती सरिता के कंधे से 16 सेमी का ट्यूमर निकाला गया, ट्यूमर की वजह से कंधे की हड्डियां गल गई थी, कंधे की गली हड्डियां निकाल कर इसकी जगह नया आर्टिफिशियल कंधा बनाया गया। युवती हड्डियों के कांड्रोसारकोमा कैंसर से पीड़ित थी, दोबारा ट्यूमर न उभरे इसके लिए युवती को मुंबई लेकर जाया जाएगा, जहां फोर डी टारगेटेड रेडिएशन से इलाज होगा। चिकित्सको ने यह सर्जरी निशुल्क की, क्योंकि कैंसर के इलाज में परिजनों का सारा पैसा खत्म हो चुका था।
वसंत विहार के होली एंजल अस्पताल में बुधवार को युवती की सर्जरी की गई। आर्थोआन्को सर्जन और स्टेम सेल्स प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. बीएस राजपूत ने बताया कि कांड्रोसारकोमा एक विशेष तरह का ट्यूमर है जिसके लिए रेडियो या कीमोथेरेपी भी काम नहीं करती है। यही वजह है कि इलाज का ट्यूमर पर कोई असर नहीं हो रहा था और ट्यूमर पिछले तीन साल में बढ़कर 16 सेमी का हो गया। दिल्ली के लगभग सभी अस्पतालों ने जवाब दे दिया था। सीटी स्कैन जांच में देखा गया कि ट्यूमर की वजह से कोहनी से लेकर कंधे तक हड्डी गल चुकी है, ट्यूमर यदि नहीं निकाला जाता तो वह बाकी अंगों को भी प्रभावित कर सकता था। सर्जरी कर पहले 16 सेमी ट्यूमर निकाला गया, इसके बाद कोहिनी से कंधे तक आर्टिफिशियल कंधा लगाया गया। ट्यूमर दोबारा न पनपे इसके लिए महिला को मुंबई के एचसीजी अस्पताल फोर डी टारगेटेड थेरेपी दी जाएगी, जो देश की अब तक की पहले फोड डी तकनीक पर आधारित रेडियोथेरपी है। डॉ. बीएस राजपूत ने बताया कि ट्यूमर के बाद बची हुई सेल्स को खत्म करने फोरडी फोकस्ड थेरेपी दी जाएगी, जिसमें कैंसर युक्त सेल्स को चारों तरफ से घेर कर खत्म किया जाता है।
सर्जरी के नहीं लगे पैसे
सरिता के पति फैक्ट्री में काम करते हैं बीते तीन साल में बीमारी की वजह से घर की सारी जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। मरीज की आर्थिक हालात देखते हुए मरीज से सर्जरी का पैसा नहीं लिया गया। बेहतर फोरडी रेडिएशन थेरेपी इलाज के लिए परिजनों ने आर्थिक मदद की अपील की है। मदद करने के इच्छुक लोग परिजन से सीधे 9599047229 फोन नंबर पर सपंर्क कर सकते हैं।