नई दिल्ली,
15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन लांच करने के लिए सरकार ने तैयारियां तेज कर दी है। दिल्ली एम्स के बाद पटना एम्स में भी वैक्सीन का मानव परीक्षण किया जाएगा। इसलिए यह संभव है कि पटना एम्स की ओपीडी में आने वाले सामान्य मरीजों से इस बावत एक शोध फार्म पर सहमति ली जा सकती है। वैक्सीन पर दो चरण का परीक्षण किया जा चुका है। तीसरे चरण का मानव परीक्षण के लिए सात जुलाई तक संबंधित कंपनियों से सभी दस्तावेज मांगे गए हैं।
कोरोना की वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए जिन 12 अस्पतालों का चयन किया गया है, उसमें दिल्ली के बाद पटना एम्स भी है। बताया जा रहा है कि सभी 12 अस्पतालों में 200 से 500 मरीजों का वैक्सीन ट्रायल के लिए चयन किया जाएगा। पहले वायरस के स्टेन का पता कर उसका मॉलिक्यूल बनाया जाएगा, इसके बाद मरीज में वायरस को इंजेक्ट किया जाएग, यदि दस से पन्द्रह दिन के भीतर रक्षा कवच के बीच वायरस म्यूटेड नहीं होता है तो वैक्सीन का परीक्षण सफल माना जाएगा। वैक्सीन के लिए भारत इंफोटेक और जायडस कैडिला को मानव परीक्षण की अनुमति दी है। यहीं दो कंपनियां वैक्सीन का व्यवसायीकरण करेंगीं। जबकि वैक्सीन बनाने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ही अहम भूमिका रही है।