नई दिल्ली: क्तचाप (ब्लड प्रेशर) लगातार उच्च रहने की तुलना में ऊपर वाले बीपी (सिस्टोलिक बीपी) में ज्यादा उतार-चढ़ाव अधिक घातक होता है. यह बात एक अध्ययन में सामने आई है।अमेरिका के इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया कि जो लोग लंबी अवधि तक डॉक्टर के पास नहीं जाते और इस बीच उनके ऊपर वाले बीपी में 30 या 40 स्तर का उतार-चढ़ाव होता है तो उनकी ऐसे लोगों की तुलना में मौत की आशंका बढ़ जाती है जिनका उतार-चढ़ाव का स्तर बहुत कम होता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार सिस्टोलिक रक्तचाप का सामान्य स्तर 120 या इससे कम होता है। 140 से अधिक स्तर पर जाने पर इसे उच्च रक्तचाप की श्रेणी में रखा जाता है। इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट के ब्रियान क्लीमेंट्स ने कहा, रक्तचाप एक ऐसी संख्या है जिसके लिए हम लोगों को दिल की सेहत के एक संकेतक के तौर पर उस पर नजर रखने को प्रोत्साहित करते हैं। अध्ययन में प्रमुख रुप से शामिल रहे क्लीमेंट्स ने कहा, अध्ययन का निचोड यह है कि अगर आप किसी भी समय अपने रक्तचाप को अनियंत्रित होने देंगे या डॉक्टर के पास दो बार जाने के बीच में बीपी में बडा बदलाव देखते हैं तो आप अपने लिए दिल के दौरे, किडनी या हार्ट के फेल हो जाने और यहां तक कि मौत का खतरा बढ़ाते हैं। अध्ययनकर्ताओं ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले 10903 रोगियों के रिकार्ड में डॉक्टर के पास दो बार जाने के बीच में सिस्टोलिक बीपी में उतार-चढ़ाव का अध्ययन किया।