बाल चेहरे की सुंदरता को निखारता है, लेकिन जिसके सिर पर बाल नहीं है वे बाल उगाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। यही वजह है कि आजकल हर तरफ हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक खुल रहे हैं। लेकिन, पिछले दिनों जिस प्रकार चेन्नै में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एक मेडिकल स्टूडेंट की मौत का मामला सामने आया है, जो यह अगाह करता है कि ट्रीटमेंट तो ट्रीटमेंट है, चाहे बालों का ही क्यूं नहीं, इसमें भी जान जा सकती है। इसलिए ट्रीटमेंट लेने से पहले जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट:
बीएलके सुपर स्पेशएलिटी सेंटर के हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर लोकेश कुमार ने कहा कि दिल्ली में भी ऐसे दर्जनों सेंटर ब्यूटी पार्लर हैं जहां पर हेयर ट्रांसप्लांट हो रहा है, जबकि वहां पर न तो सर्जरी की सुविधा है और न ही किसी तरह की इमरजेंसी की स्थिति से निपटने की तैयारी। ये सारे सेंटर्स अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं, जिसे कोई रोकने वाला नहीं। हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक चलाने के लिए कोई गाइडलाइन नहीं है। इसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए।
डॉक्टर ने कहा कि ऐसे सेंटरों को डॉक्टर नहीं, बल्कि टेक्नीशियन चलाते हैं। ये टेक्नीशियन किसी डॉक्टर के साथ कुछ साल तक काम करते-करते इसकी कुछ बारीकियां सीख जाते हैं। फिर वे किसी दूसरी जगह पर खुद ब्यूटीफिकेशन के नाम पर हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर चलाने लगते हैं। जबकि एक क्वॉलिफाइड प्लास्टिक सर्जन या डर्मेटोलॉजिस्ट ही यह काम कर सकता है। उन्हें भी इसके लिए ट्रेनिंग लेनी होती है। जिस तरह मेडिसिन के डॉक्टर सर्जरी नहीं कर सकते, वैसे ही दूसरे डॉक्टर ट्रांसप्लांट नहीं कर सकते।