भारतीय मूल के विदेशी डाक्टर देश के विकास में योगदान दें- मोदी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि योग वैश्विक जीवन शैली का एक अभिन्न अंग बन गया है और दुनिया तेजी से आयुर्वेद को भी अपना रही है। भारतीय मूल के अमेरिकी एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन (एएपीआई) की बैठक को शनिवार को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने यह बयान दिया।
मोदी ने भारतीय मूल के डॉक्टरों से भारत की विकास गाथा में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत आज दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ रहा है और वह इसमें योगदान देने के लिए उन्हें आमंत्रित करते हैं। मोदी ने कहा कि सरकार देश के हर गांव तक टेलीमेडिसिन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। भारतीय मूल के डॉक्टर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर एक कार्यक्रम में कहा था कि योग एकजुट करने वाली शक्ति है, जो इसका शाब्दिक अर्थ भी है। संधू ने कहा था, ‘‘ दुनिया भर के लोगों ने राष्ट्रीयता और संस्कृतियों की सीमा से परे योग के असीम लाभों को पहचाना है। उन्होंने इसे अपने रोजमर्रा जीवन का हिस्सा बना लिया है।
मोदी ने कहा भारत ने हमेशा वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान दिया है। वह इसे जारी रखेगा। योग आज दुनियाभर में लोगों की जीवन शैली का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसी तरह दुनिया तेजी से आयुर्वेद को भी अपना रही है।’’ उन्होंने कहा कई आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के अनुसार आयुर्वेद और भारत में मौजूद उपचार के अन्य तरीके ‘‘ प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाते हैं और प्राकृतिक उपचार करते हैं’’।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में हल्दी के आयात में अचानक से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत के गांवों में करीब 1.5 लाख ‘हेल्थ एंड वैलनेस’ केन्द्रों का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग, आयुर्वेद और तंदुरुस्ती के प्रचार-प्रसार के साथ ‘फिट इंडिया’ देश में एक जन आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और उसके तहत शौचालयों के निर्माण के कारण कई बड़ी बीमारियां कम हुई हैं। आठ करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन ने उनके बीच श्वसन रोगों के मामले कम करने में मदद की है।

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