एम्स में शुरू हुआ देश का पहला सेनिटाइजेशन बाथ यूनिट

नई दिल्ली,
एम्स में देश की पहली पर्सनल सेनिटाइजेशन बाथ यूनिट को लगाया गया है। यूनिट में प्रवेश करते ही चारों तरफ डिस्इंफेक्टिव लक्विड का छिड़काव किया जाता है, जिससे कोरोना या किसी भी अन्य वायरल संक्रमण के खतरे को नब्बे प्रतिशत तक खत्म किया जा सकता है। सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड इंवायरमंट सेफ्टी द्वारा लगाई गई इस यूनिट में फिलहाल कोविड का इलाज कर रहे मेडिकल और पैरामेडिकल स्टॉफ विसंक्रमित हो सकेंगे। कोविड मरीजों का इलाज कर रहे पैरा मेडिकल स्टॉफ को सबसे अधिक संक्रमण का खतरा रहता है।
एम्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना के इलाज के लिए ड्यूटी कर रहे पैरामेडिकल स्टाफ को सुरक्षित रखना भी एम्स प्रशासन की जिम्मेदारी है। संस्थान में एक चिकित्सक और दो गर्भवती महिलाओं को कोविड संक्रमण हो चुका है। पर्सनल सेनिटाइजेशन बाथ कोविड वार्ड में प्रवेश करने से पहले लिया जा सकता है, इसके साथ ही कोविड वार्ड की ड्यूटी खत्म करने के बाद भी विसंक्रमित बाथ लिया जा सकता है। यूनिट के अंतर लगे नेजल से प्रवेश करते ही विसंक्रमित तरल का छिड़काव शुरू हो जाता है। दस से बीस सेकेंड के छिड़काव के बाद जब शरीर की हर जगह को संक्रमण के खतरे से मुक्त कर लिया जाता है तो स्टाफ सुरक्षित अपने घर जा सकते हैं। एम्स पर्सनल डिस्इंफेशन यूनिट लगाने वाला देश का पहला संस्थान है।

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