नई दिल्ली: भारत कोरोना वायरस से प्रभावित 55 देशों को अनुदान के साथ-साथ वाणिज्यिक आधार पर मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने की प्रक्रिया में भी है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अमेरिका, मॉरीशस और सेशेल्स सहित कई देशों को इस दवा की खेप मिल चुकी है वहीं कई देशों को इस सप्ताह के अंत तक यह मिल जाएगी।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कोविड-19 के संभावित उपचार के रूप में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पहचान की है और न्यूयॉर्क में 1500 से अधिक कोरोना वायरस रोगियों पर इसका परीक्षण किया जा रहा है। भारत द्वारा निर्यात प्रतिबंध हटाने का फैसला करने के बाद पिछले कुछ दिनों में इस दवा की मांग तेजी से बढ़ी है। सूत्रों ने कहा कि भारत अपने पड़ोस में अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका और म्यामां को यह दवा भेज रहा है।
यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि पाकिस्तान ने दवा खरीदने की बात की है या नहीं। सूत्रों के अनुसार भारत ज़ाम्बिया, डोमिनिकन गणराज्य, मडागास्कर, युगांडा, बुर्किना फ़ासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र, आर्मेनिया, कज़ाकिस्तान, इक्वाडोर, जमैका, सीरिया, यूक्रेन, चाड, ज़िम्बाब्वे, फ्रांस, जॉर्डन, केन्या, केन्या, नाइजीरिया, नाइजीरिया को भी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि कई देशों को दवा व्यावसायिक आधार पर भेजी जा रही है जबकि कई अन्य देशों को भारत अनुदान के रूप में यह दवा दे रहा है। हाल ही में टेलीफोन पर हुयी बातचीत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि वह हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री की अनुमति दें।