नई दिल्ली,
इस्लामिक धार्मिक कार्यक्रम तबलीगी में शामिल होने आए दो हजार से अधिक जायरीन लॉकडाउन की घोषण के बाद यहीं फंसे रहे गए। सोमवार को एक व्यक्ति की कोरोना की वजह से मौत की सूचना मिलने के बाद मस्जिद से लगातार जायरीनों को निकाला जा रहा है। मंगलवार को 24 जायरीनों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि की गई। मरकज के असर तेलंगाना, तमिलनाडू और केरल तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है तब्लीगी में शामिल हुए दस जायरीनों की अब तक मौत हो चुकी है। 1500 से अधिक लोगों को बसों के माध्यम से अस्पताल ले जाया जा रहा है। वहीं दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्यवाई करते हुए मंगलवार को तब्लीगी जमाज के आयोजक मौलाना साद पर सरकारी आदेश के बावजूद जलसा आयोजन करने के लिए एफआईआर दर्ज की है।
निजामुद्दीन के मरकज से अब तक 1548 लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। मौके पर उपस्थिति स्वास्थ्य विभाग की टीम, दिल्ली पुलिस, केन्द्र और सरकार की टीम ने सभी संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव जायरीनों को बस में बैठाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की गई। सोमवार को भेजे गए 200 सैंपल में 24 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। मंगलवार को अस्पताल पहुंचाए गए 1548 जायरीनों में 300 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। कुल 441 जायरीनों में कोरोना के लक्षण देखे गए हैं। निजामुद्दीन में आयाजित तबलीगी जमात दिल्ली के लिए अब तक का सबसे गंभीर कोरोना गढ़ बन गया है। तबलीगी जमात की वजह से दिल्ली के कुल मरीजों का आंकड़ा 97 पहुंच गया है। मरकज में शामिल हुए अन्य जायरीनों तेलंगाना, केरल और तमिलनाडू पहुंचे, तबलीगी में शामिल हुए दस जायरीनों की मौत कोरोना की वजह से बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने तबलीगी जमात के आयोजन मोहम्मद साद पर सरकारी आदेश की उल्लंघना करने पर एफआईआर दर्ज की है। बताया जा रहा है कि एक मार्च से 15 मार्च के बीच धर्म का प्रचार करने के लिए तबलीगी जमात का निजामुद्दीन में आयोजन किया गया, इसके बाद भी यहां दो हजार से अधिक लोग ठहरे रहे। रविवार को एक बुजुर्ग की तबियत खराब होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया,जहां उसकी मौत हो गई। बुजुर्ग की मौत के बाद मरकज में इतने बड़े जमावड़े का पता लगा। इसके बाद से ही पुलिस और प्रशासन ने सर्तकता दिखाई। गृह मंत्रालय ने आदेश दिए है कि तबलीगी में शामिल हुए लोग देश के किस कोने में कहां कहां पहुंचे हैं, इसका तुरंत पता लगाया जाएं।