विश्व हृदय दिवस 2018 के आगाज के तौर पर, वेंकटेश्वर अस्पताल के सहयोग से आज बहुप्रतीक्षित वार्षिक द्वारका हाफ मैराथन का आयोजन किया गया जिसमे 3000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस मैराथन में किशोरों, कामकाजी प्रोफेशनलों से लेकर बुजुर्ग लोगों जैसे सभी उम्र के लोगों की सक्रिय भागीदारी देखी गयी, जिन्होंने इस हाफ मैराथन के तहत 21 किमी की दूरी तय की। इस साल के हाफ मैराथन का उद्देश्य लोगों में दिल को स्वस्थ रखने वाली जीवन शैली को अपनाने और दिल को स्वस्थ रखने के लिए अधिक सावधानी पूर्वक निर्णय लेने के लिए जागरूकता बढ़ाना था। वेंकटेश्वर हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राजीव मल्होत्रा ने कहा, “जैसे-जैसे सालों से दिल की बीमारियों में लगातार वृद्धि हो रही है, वैस- वैसे पहले की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण भी हो गया है क्योंकि दिल की स्वस्थ रखने वाली जीवनशैली न सिर्फ हमारे लिए, बल्कि हमारे परिवार और दोस्तों के लिए भी महत्वपूर्ण है।“ मैराथन द्वारका के सेक्टर 19 स्थित डिस्ट्रिक्ट पार्क के पास से शुरू हुआ।
कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां (सीवीडी) भारत सहित दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण हैं। हालांकि, सीवीडी होने का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है, लेकिन खराब आहार का सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे अस्वास्थ्यकर जीवनशैली कारक अब अपेक्षाकृत कम उम्र के लोगों को भी इस बीमारी के प्रति संवेदनषील बना रहे हैं।
वेंकटेश्वर हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेषक डॉ. अनिल ढल ने कहा, “कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां न केवल दुनिया का सबसे बड़ा हत्यारा बल्कि मूक हत्यारा भी हैं। सीवीडी के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं, जिसके कारण सीवीडी धीरे-धीरे विकसित होता रहता है और किसी दिन अचानक दिल का दौरा पैदा कर देता है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तनाव या अवसाद जैसे कारक अक्सर सीवीडी के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं। इस मैराथन के माध्यम से हम न केवल युवाओं को व्यायाम के प्रति आकर्षित करना चाहते हैं बल्कि प्रशासन को भी शहर में व्यायाम अनुकूल वातावरण बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं जिनमें टहलने, दौड़ने या साइकिल चलाने के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जगहें शामिल हैं।“
32 वर्षीय गौरव कपूर इस हाफ मैराथन में नियमित रूप से भाग लेते रहे हैं। उन्होंने कहा, “हर साल मैं हाफ मैराथन में नए चेहरे को देखता हूं और हर साल इसमें प्रतिभागियों की संख्या भी बढ़ रही है। मैं हर किसी को विशेष कर युवाओं को कुछ शारीरिक गतिविधियों को अपनाने की सलाह देता हूं। अगर आप कुछ नहीं कर सकते, तो सिर्फ वॉक ही कर लें। यदि आप स्वस्थ रहते हैं तो जीवन अधिक आनंददायक हो सकता है।“
दौड़ रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर दिल के स्वास्थ्य में सुधार करता है जो हृदय को अधिक रक्त पंप करने के लिए दबाव डालता है। इसी तरह, इससे न केवल रक्त परिसंचरण में सुधार होता है बल्कि दिल की मांसपेशियां भी मजबूत और सक्रिय हो जाती हैं। दौड़ने से शरीर के वजन को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है, इस प्रकार हृदय रोग के लिए एक और जोखिम कारक नियंत्रण में रहता है। यह उच्च रक्तचाप और मधुमेह के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है।
दौड़ने का शौक रखने वाले एक और प्रतिभागी श्री विनोद शर्मा ने कहा, “मेरी भागीदारी का उद्देश्य स्वयं को अनुशासित रखना और एक विषेश कारण के लिए जागरूकता पैदा करना है जो बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ प्रकार की शारीरिक गतिविधि स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। हमारी पीढ़ी जीवनशैली से संबंधित रोगों का शिकार हो रही है, जिन्हें हमारे दैनिक दिनचर्या में कुछ शारीरिक गतिविधियों को शामिल कर आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है।“
हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। यह दिल की बीमारी पर सबसे बड़ा वैश्विक जागरूकता और एडवोकेसी अभियान है और इसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर दुनिया भर में मनाया जाता है।