पांच महीने की नवजात को मां ने दिया जिगर का टुकड़ा

नई दिल्ली,
जन्म के बाद जब कि बच्चे ठीक से मां का दूध पीना भी नहीं सीख पाते ऐसे में अरियाना को लिवर प्रत्यारोपण की सर्जरी से गुजरना पड़ा। नवजात को मां ने अपने जिगर का टुकड़ा देकर नया जीवन दिया, कोलकाता में सात अक्टूबर 2018 को जन्म अरियाना को दिल्ली में ऑपरेशन हुआ, सर्जरी के बाद अब बच्ची स्वस्थ्य है। अरियाना एक्यूट लिवर फेल्योर की शिकार थी।
मैक्स अस्पताल के लिवर एवं पित्त विज्ञान केन्द्र के डा. सुभाष गुप्ता ने बताया कि जिस समय बच्ची को अस्पताल में लाया गया, उसकी हालत बहुत गंभीर थी, पूरा शरीर नीला पड़ चुका था और बेहद कम समय में सर्जरी के परिणाम जाने बिना हमें ऑपरेशन करना जरूरी था। बच्ची की मां इसके लिए तैयार हो गई और मां के182 ग्राम के लिवर एक हिस्से को नवजात को प्रत्यारोपित किया गया, लिवर खराब होने की वजह से बच्ची का वजन लगातार कम हो रहा था, कुछ न खाने के कारण शरीर में रक्त प्रवाह भी सुचारू नहीं हो पा रहा था। मां के लिवर को बच्ची के छोटे शरीर में प्रत्यारोपित करने से पहले लिवर को मोडिफाइड किया गया, दस घंटे तक चली सर्जरी में मां के लिवर को नन्हें शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया गया। अस्पताल के पीडियाट्रिक हेपेटोलॉजी और गैस्ट्रोइंटेलॉजी विभाग के डॉ. शरत वर्मा ने बताया कि एक साल से कम उम्र के बच्चे का लिवर प्रत्यारोपण करना बेहद जटिल होता है लेकिन एक अच्छी बात यह होती है कि इस उम्र में बच्चे का लिवर मिस मैच नहीं करना पड़ता और न ही प्रत्यारोपण के बाद से आजीवन दवाएं लेनी पड़ती है, जबकि व्यस्क के लिवर प्रत्यारोपण में मिलान बड़ी समस्या होती है। अरियाना की मां श्यान्तनी डे ने बताया कि जन्म के बाद से ही उसकी आंखों में पीलापन आ गया था, कुछ लोग यह कहते थे कि वह स्तनपान नहीं कराती जिसकी वजह से बच्ची पीलिया की शिकार हो रही है, एक दिन जब पेशाब का रंग संतरे के रंग से भी अधिक पीला आया तो नजदीक के अस्पताल में उसका ब्लूरूबिन जांच करा गया, जांच के बाद कोलकाता के चिकित्सकों ने दिल्ली ले जाने के लिए कहा, पांच महीने की बच्ची को जब परिजन दिल्ली लेकर आएं थे, तो उसका कोई जान पहचान का नहीं था, बच्ची को नया जीवन मिलने के बाद अब वह खुशी खुशी कोलकाता लौटेंगें।

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