अध्ययन में यह भी देखा गया कि शौच के लिए इस्तेमाल की गई पारंपरिक देशी सीट इस्तेमाल करने वाले लोगों में मल संबंधी परेशानी कम देखी गई जबकि विदेशी कमोड इस्तेमाल करने वालों में कब्ज की समस्या अधिक थी। डॉ. अनिल ने बताया कि अमाश्य और मलद्वार के बीच एक दवाब बिंदु होता है मल के लिए देशी सीट पर बैठने यह दवाब कम पड़ा है और इस स्थिति में व्यक्ति 35 डिग्री के कोण पर बैठा होता है, जिससे पेट अधिक बेहतर ढंग से साफ होता है, जबकि विदेशी कमोड में यह एंगल 90 डिग्री का बनता है, जिसे आमाश्य और मलद्वार के लिए ऐंठन बनी रहती है, जिससे मल अधिक ठीक तरीके से पास नहीं होता है। चिकित्सक मल त्यागने के लिए विदेशी सीट का इस्तेमाल करने के लिए स्टूल का प्रयोग करने की सलाह देते हैं, जिससे पैर के नीचे रखे स्टूल से पेट में पड़ने वाली ऐंठन को दूर किया जा सकता है।