नई दिल्ली: दवा के रिएक्शन की वजह से एक बच्चे की मौत और चार गंभीर रूप से बीमार होने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले एलएनजेपी अस्पताल में नवजात शिशु वार्ड में दवा रिएक्शन का यह मामला सामने आया है। दवा रिएक्शन की वजह से कुल पांच बच्चे बीमार हो गए, उकना शरीर नीला पड़ गया, सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिसकी वजह से उन्हें आनन फानन में आईसीयू में एडमिट करना पड़ा। लेकिन इसमें से एक बच्चे की मौत हो गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जिस बच्चे की मौत हुई है, उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में अस्पताल ने एक जांच कमेटी बना दी है, जो सोमवार तक अपनी रिपोर्ट देगा।
दो दिन पहले एलएनजेपी के नवजा शिशु वार्ड में बच्चों को एंटीबायोटिक्स का इंजेक्शन दिया गया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार दवा पाउडर के रूप में होता है, उसे स्लाइन मिलाकर लिक्विड बनाया जाता है और फिर उसे बच्चे को दिया जाता है। लेकिन एलएनजेपी में यह दवा देने के बाद जो दवा बच गया उसे बाद में फिर से यूज कर लिया गया और इसकी वजह से इसका साइड इफेक्ट हुआ है। डॉक्टर का कहना है प्रोटोकॉल के तहत बची हुई दवा को यूज नहीं किया जाता है। हर बार बच्चे के लिए नया डोज तैयार करना होता है। प्रशासन का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि नर्स ने लापरवाही की है और उसने बची हुई दवा फिर से बच्चे को दे दी थी, जिसकी वजह से पांच बच्चे बीमार पड़ गए।
डॉक्टर का कहना है कि बाकी बच्चे आईसीयू से बाहर आ गए हैं, लेकिन अभी भी एक बच्चा बीमार है और उसे आईसीयू में ही रखा गया है। प्रशासन ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया गया है और जांच कमेटी बना दी है। एक बार फिर प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि जिस बच्चे की मौत हुई है उसका दवा के साइड इफेक्ट से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि दवा के साइड इफेक्ट की वजह से बच्चे की मौत हुई है, बच्चे की मौत दवा के साइड इफेक्ट के 24 घंटे बाद हुई है और इसकी मौत की वजह इन्फेक्शन भी हो सकता है।