प्रकृतिक नियमों से जीएं तो जिंदगी बेहतर होगी

क्या आपने कभी सोचा है कि जानवरों में लाइफस्टाइल की समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, दिल का दौरा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, बढ़ा हुआ लीवर और पॉलिसाईटिक ओवेरियन बीमारी क्यों नहीं होते। इसका सीधा कारण है कि वह प्राकृतिक नियमों के अनुसार जीते हैं।

इस समस्या के बारे में बात करते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया के प्रेसिडेंट और आईएमए के प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉक्टर के के अग्रवाल ने कहा कि एक संतुलित और स्वास्थ जीवनशैली इन सभी रोगों को रोकने और ठीक करने का कारगर मंत्र है। स्वस्थ जीवन के लिए सबसे पहला कदम है सही वज़न होना।अल्प आहार की सनक, तनावपूर्ण कार्यस्थल लोगों को कंफर्ट फूड खाने के लिए उत्साहित करते हैं, दिन भर की डेस्क जॉब और साईज़ जीरो की सोच तेज़ी से लोगों में उचित वज़न और संपूर्ण आहार की परिभाषा को बदल रहा है। ज़्यादातर लोगों को यह बात पता नहीं है कि उनके वज़न के अनुसार तीन गुना ज़्यादा कैलरीज़ की उन्हें ज़रूरत होती है बल्कि भोजन से उन्हें मैक्रो और माइक्रो न्यूटरेंटस भी मिलने चाहिए।

मैक्रो न्यूटरेंट्स खाने के रासायणिक तत्व होते हैं जैसे कि कार्बोहाइड्रे, प्रोटीन, फैट जो शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं और इनकी बड़ी मात्रा में ज़रूरत होती है, माईक्रोन्यूटरेंट्स की ज़रूरत कम मात्रा में होती है जिनमें कई मिनरल और विटामिन शामिल हैं। अगर इनका सेवन उचित मात्रा और संतुलित रूप से नियमित व्ययाम के साथ किया जाए तो यह हमारी जीवनशैली से होने वाली सभी आम समस्याओं से हमें बचाते हैं।

इस बारे में वह बताते हैं, सेहतमंद भोजन का मेरा मंत्र है, सात रंगों आरै छह स्वादों वाला भोजन खाना। खाने का हर रंग एक किस्म के विटामिन का संकेत होता है कि यानि लाल सेब से लाईकोपीन, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों आरै फलों से बी कंपलैक्स आरै संतरी खाद्य पदार्थों से विटामिन सी मिलता है। इसी तरह मीठे, कड़वे और नमकीन स्वाद से वज़न बढ़ता है और इसके विपरीत तीखे, कसैले और कड़वे स्वाद से वज़न कम होता है।

सेहतमंद दिल के लिए आहार के मंत्र:
: एक अच्छे आहार में सोडियम की मात्रा कम होना चाहिए आरै किसी को भी दिन में 6 ग्राम से ज़्यादा सोडियम कलोराईड नहीं खाना चाहिए।
: हाइर्ड रोजिनेटेड तलों या वनस्पति घी में पाया जाने वाले ट्रांस फैट का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि यह दिल के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। यह अच्छा कोलेस्टरॉल एचडीएल को कम करता है और बुरे कोलेस्टरॉल एलडीएल को बढ़ाता है।
: हमें बाहर का खाना जितना संभव हो सके कम से कम खाना चाहिए क्योंकि ज़्यादातर रेस्तरां और होटलों का खाना अत्यधिक ट्रांस फैट युक्त होता है और दिल के लिए नुकसानदायक होता है।
: रीफाइंड कार्बोहाईट्रेड जैसे कि सफेद ब्रेड, सफेद आटा, सफेद चावल आरै रिफाईंड स्वीटनड सीरिअल और सफेद चीनी से परहेज़ करन चाहिए और उनकी जगह संपूर्ण अनाज का आटा, सेहतमंद हरे सीरियल और आटे मील को प्रयोग करना चाहिए।
: किसी भी मीठी चीज़ जिसमें शक्कर की मात्रा दस प्रतिशत से ज़्यादा हो उसका सेवन कम से कम करना चाहिए। साफ्ट ड्रिंक में 10 पर्सेंट तक शक्कर होती है जबकि भारतीय मिठाईयों में इसकी मात्रा 30 से 50 प्रतिशत तक होती है।

एक संतुलित आहार में यह चीजों होनी चाहिए
: एक पूरा आहार सिर्फ फलों का होना चाहिए।
: दूसरा आहार जिसमें बेसन के व्यंजन, फल, सलाद, मछली, चिकन या मिल-जुली सब्जियां
: तीसरा आहार जिसमें मिश्रित अनाजों की दो रोटियां या भूरे चावल, सब्जियां या दाल के साथ होने चाहिए। इन आहारों के मध्य, हम फल, सालाद, काली चाय या कॉफी और डॉर्क चॉकलेट बिना चीनी और दूध के ले सकते हैं।

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