जयपुर, सेहत संवाददाता
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि देश में 5 साल तक के करीब 5.8 प्रतिशत बच्चों की मौत का कारण डायरिया है। हमारा लक्ष्य है कि डायरिया से होने वाली मौतें आने वाले समय में शून्य हों। इस उद्देश्य से भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में भी डायरिया पर प्रभावी रोकथाम के लिए एक जुलाई से 31 अगस्त तक स्टॉप डायरिया अभियान चलाया जाएगा। सभी संबंधित विभाग माइक्रो प्लानिंग एवं पूर्ण समन्वय के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर इस अभियान को सफल बनाएं।
श्रीमती सिंह बुधवार को स्वास्थ्य भवन में स्टॉप डायरिया अभियान-2024 की पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि डायरिया नियंत्रण में राजस्थान की स्थिति राष्ट्रीय औसत एवं अन्य राज्यों से बेहतर है, लेकिन अभी भी प्रदेश में हर वर्ष 3900 से अधिक बच्चों की मृत्यु डायरिया से होना चिंताजनक है। आगामी दो माह मौसमी एवं जलजनित बीमारियों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हैं। इसे देखते हुए संबंधित सभी विभाग समग्र एवं समन्वित रूप से तैयारियां सुनिश्चित करें। हमारा यही लक्ष्य हो कि प्रदेश में एक भी बच्चे की मौत डायरिया से नहीं हो।
संवेदनशील वर्गों एवं क्षेत्रों पर रहे विशेष फोकस—
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि डायरिया से अधिकांश मौतें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों, कच्ची बस्ती, पिछडे़ क्षेत्रों, बाढ़ या सूखाग्रस्त आदि इलाकों में सामने आती हैं। ऐसे संवेदनशील वर्गों एवं क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां विशेष फोकस के साथ डायरिया रोकथाम गतिविधियों का संचालन किया जाए। श्रीमती सिंह ने कहा कि स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही बच्चों को डायरिया से बचाव को लेकर जागरूक किया जाए। विद्यालयों में डायरिया के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाए।
अधिकाधिक जनसहभागिता सुनिश्चित करें—
श्रीमती सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समितियों का भी स्टॉप डायरिया अभियान में सहयोग लिया जाए। साथ ही, एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों, सोशल एक्टिविस्ट सहित अधिकाधिक जनसहभागिता बढ़ाते हुए इस अभियान को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि जलदाय विभाग मानसून के दौरान पाइपलाइनों में लीकेज के कारण दूषित जल की समस्या का यथासम्भव समाधान करें। ऐसे जल स्रोत जिनका पानी दूषित होने की आशंका रहती है, वहां से जल का उपयोग नहीं किए जाने के उपाय सुनिश्चित करें। साथ ही, पेयजल के नमूने लेकर नियमित रूप से जांच की जाए।
ओआरएस एवं जिंक टेबलेट की रखें पर्याप्त उपलब्धता—
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन को ओआरएस एवं जिंक टेबलेट की समुचित व्यवस्था रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आशा एवं एनएनएम के माध्यम से घर-घर तक इनका वितरण करवाया जाए। चिकित्सा संस्थानों में डायरिया के उपचार के लिए माकूल प्रबंध किया गया है, आमजन में डायरिया से बचाव को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, सभी भागीदार विभागों एवं संस्थाओं को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री मोहनलाल यादव, अतिरिक्त आयुक्त ईजीएस श्री जुगल किशोर मीणा, सहायक निदेशक स्थानीय निकाय विभाग श्रीमती शीलावती मीणा, परियोजना निदेशक बाल स्वास्थ्य डॉ. प्रदीप चौधरी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।