हाई बीपी और खर्राटे का है सीधा संबंध, शोध में पता लगा

There is a direct relation between high BP and snoring, research revealed. Australian researchers claimed that people with high BP also snore more.

नई दिल्ली

लगातार बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर आपको खर्राटे का मरीज बना सकता है। आस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने इन दोनों बीमारियों के बीच सीधा संबंध खोज निकाला है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक खर्राटे (Snoring) और उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) एक दूसरे से अलग नहीं हैं।  शोध में बताया गया है कि उच्च रक्तचाप या हाई बीपी तब होता है जब किसी व्यक्ति की नसों में दवाब बहुत अधिक हो जाता है, इससे हृदय को अधिक काम करना पड़ता है लगातार तेज गति से धड़कने से कई बार दिल को नुकसान भी पहुंचता है, और दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है।

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार अध्ययन में 12,287 लोगों को शामिल किया गया, इसमें से 15 प्रतिशत लोगों ने छह महीने की निगरानी अवधि में औसतन रात के 20 प्रतिशत से अधिक समय तक खर्राटे लिए। जिन लोगों ने अधिक खर्राटे लिए थे, खर्राटे नहीं लेने वाले प्रतिभागियों की तुलना में उनका सिस्टोलिक रक्तचाप 3.8 एमएमएचजी तथा डायस्टोलिक रक्तचाप 4.5 एमएमएचजी अधिक था। यह दुनिया में पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें खर्राटों और उच्च रक्तचाप के बीच संबंध की जांच करने के लिए लंबे समय तक कई रातों तक घर पर निगरानी की गई। जो लोग नियमित रूप से रात में खर्राटे लेते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) को मिलीमीटर पारे (एमएमएचजी) में दो संख्याओं के रूप में दर्ज किया जाता है, जैसे कि 120/80।

अध्ययन में भाग लेने वाले मध्यम आयु वर्ग के थे और 88 प्रतिशत पुरुष थे। फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ के शोध के प्रमुख लेखक बैस्टियन लेचैट ने बुधवार को एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, ‘पहली बार हम निष्पक्ष रूप से कह सकते हैं कि नियमित रूप से रात में खर्राटे लेने और उच्च रक्तचाप के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है।

समझे दिल की तकनीकि भाषा

उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति का रक्तचाप या बीपी 120/80 है तो 120 बिंदु या पहला अंग सिस्टोलिक रक्तचाप  कहलाता है, जो हृदय द्वारा रक्त पंप किए जाने पर धमनियों में दबाव को मापता है। दूसरा बिंदू 80 है तो इसे डायस्टोलिक रक्तचाप  कहा जाता है, यह उस समय का दबाव है जब हृदय अगली धड़कन से पहले आराम करता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *