नई दिल्ली: पीरियड यानि रजोनिवृति के बाद महिलाओं का शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई) भले ही सामान्य हो लेकिन शरीर में वसा (फैट) की अधिक मात्रा रहने से स्तन कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।शरीर में वसा की मात्रा बीएमआई द्वारा मापी जाती है। बीएमआई शरीर के वजन और ऊंचाई का अनुपात है।वैसे बीएमआई शरीर में वसा के आकलन का एक सुविधाजनक तरीका है लेकिन यह पूरे शरीर में वसा की मात्रा के निर्धारण का सटीक तरीका नहीं है क्योंकि इसमें मासंपेशीय द्रव्यमान तथा हड्डी के घनत्व का वसा के द्रव्यमान से फर्क नहीं हो पाता है।
इस अध्ययन में ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जिनका बीएमआई सामान्य है और जिनकी स्तन कैंसर की कोई पृष्ठभूमि नहीं थी। औसतन 16 साल के अध्ययन के दौरान स्तन कैंसर को लेकर अध्ययन किया गया और कैंसर के मामलों का एस्ट्रोजेन (महिला प्रजननकारी हार्मोन) रिसेप्टर (ईआर) सकारात्मकता के संदर्भ में अध्ययन किया गया। अध्ययन में शामिल 3,460 सहभागियों में से 182 को स्तन कैंसर हुआ और उनमें 146 एस्ट्रोजेजन रिसेप्टर सकारात्मकता से जुड़े थे। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सामान्य बीएमआई के बावजूद शरीर में संपूर्ण वसा में हर पांच किलोग्राम की वृद्धि पर ईआर स्तन कैंसर का खतरा 35 फीसद बढ़ जाता है।