नई दिल्ली: ई सिगरेट या वेपिंग उत्पादों पर सरकार ने पूरी तरह रोक लगा दी है। बुधवार को कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया, जिमसें सरकार ने कहा कि सिगरेट के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे सभी वेपिंग उत्पादों की खरीद फरोख्त को देश में प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसपर पचास हजार का जुर्माना भी निर्धारित किया गया है। इस संदर्भ में सरकार ने ऑडिनेंस भी जारी कर दिया है। इससे पहले एक दर्जन से अधिक चिकित्सक और मेडिकल संगठनों ने देश में ई सिगरेट और वेपिंग उत्पादों की बिक्री की अनुमति की पैरवी की थी। हालांकि कैबिनेट ने सभी पक्षों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बावत जानकारी देते हुए बुधवार को कहा कि कैबिनेट ने इस पर रोक के प्रस्ताव को पास कर दिया है। जिसके बाद ई सिगरेट के प्रचार प्रसार के साथ ही विपरण और खरीद फरोख्त पर भी रोक लगा दी गई है। ई सिगरेट का किसी भी तरह का भंडारण पाए जाने पर छह महीने की जेल और पचास हजार रुपए जुर्माना भी निर्धारित किया गया है, बार-बार दोषी पाए जाने पर पांच लाख तक जुर्माना और तीन साल की कैद भी हो सकती है। ई सिगरेट में सीधे रूप से तंबाकू नहीं होता, लेकिन इसमें लिक्वेड नाइट्रोजन को जला कर धुंए के रूप में इंहेल किया जाता है, इस तरह के उत्पाद को सरकार ने देश में विक्री मान्यता नहीं दी है। मंत्रालय के अनुसार देश में इस समय ई सिगरेट के 460 ब्रांड उपलब्ध हैं।