Heart blockage cured with Arjuna bark and Kalonji oil. According to a research paper published in the February issue of the Journal of Ethnopharmacology, regular use of Arjuna bark and Kalonji oil can cure 3 to 40 percent of heart artery blockage.
जर्नल ऑफ एथनोफारमाकोलॉजी में प्रकाशित हुआ लेख
14 दिन तक लगातार पांच मिली ग्राम छाल का मरीजों में हुआ प्रयो
नई दिल्ली,
दिल की धमनियों की रूकावट को दूर करने के लिए एंजियोप्लास्टी ही एक मात्र विकल्प नहीं है, चिकित्सकों ने अब इसके लिए देशी पद्धतियों के जरिए भी सफल प्रयोग किया है, जर्नल ऑफ एथनोफारमाकोलॉजी के फरवरी महीने के अंक में छपे शोध पत्र के अनुसार अर्जन की छाल और कलौंजी के तेल के नियमित प्रयोग से दिल की धमनी की तीन से चालीस प्रतिशत की रूकावट को दूर किया जा सकता है।
अध्ययन के अनुसार औषधिए वृक्ष टर्मिनालिया अर्जुन या टीए में एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व देखे गए हैं, जिसे दिल के मरीजों के लिए एथिनोमेडिसन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पहले चरण में चूहों पर किए गए अध्ययन में देखा गया कि टीए में मौजूद तत्व से धमनियों के संकुचन को दूर किया जा सकता है। अध्ययन के दौरान चूहों को 14 दिन तक अर्जुन की छाल की पांच ग्राम की मात्रा मुंह के जरिए दी गई, टीए के इस्तेमाल के दौरान चूहों के आरएनए और प्रोटीन पर भी नियंत्रण रखा गया। चूहों को दो समूहों में रखा गया, जिसमें एक समूह के चूहों में टीए के सत को दिया गया, जबकि दूसरा समूह साधारण दवाएं दी गई। टीए या अर्जुन की छाल का प्रयोग करने वाले चूहों के दिल की धमनियां उन चूहों की अपेक्षाकृत अधिक बेहतर देखी गई जिनको टीए नहीं दिया गया। अध्ययन के बावत राष्ट्रपति के वरिष्ठ चिकित्सक डा. मोहसीन एस वली ने बताया कि अर्जुन की छाल के असर की वजह से चूहों के खून में फीटल जीन जैसे बी मायोसीन और ए एक्टीन, ब्रेन नैट्रीयूरेट्रिक तत्व अधिक बेहतर देखे गए। अर्जुन की छाल ने स्ट्रेस मार्कर जीआरपी 78 को भी नियंत्रित रखा।