New Delhi
कोई दवा असली है या नकली, इसकी शत प्रतिशत पुष्टि प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होती है। नकली दवाएं सेहत पर बुरा असर डालती है, इसके साथ ही इनके सेवन से अन्य तरह की बीमारियों के बढ़ने की संभावना होती है, कई बार नकली दवाओं का सेवन जान को जोखिम में भी डाल सकता है। तो किस तरह पता लगाएं कि जिन दवाओं का हम सेवन कर रहे हैं वह असली हैं या नकली
कुछ बातें ऐसी हैं जिसे आम व्यक्ति भी पहचान कर सकते हैं।
1) दवा की पैकेजिंग अच्छी तरह से देखें. खराब क्वालिटी की छपाई या पैकेजिंग नकली दवा का संकेत हो सकती है.
दवा के लेबल या अन्य पैकेजिंग पर उत्पाद के नाम, निर्माता, या मुख्य सामग्री की गलत वर्तनी (spelling mistake) अगर है तो वो नक़ली है। अगर पैकेज सील नहीं है तो उसे ना लें।
2) दवा पर बना बारकोड सिंगल यूज के लिए होता है.
इस कोड में दवा की मैन्युफैक्चरिंग डेट और लोकेशन से लेकर सप्लाई चेन तक की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
3) कभी भी अज्ञात वेबसाइटों से दवाएं न खरीदें.
4)यदि आप किसी दवा का नियमित उपयोग कर रहे हैं और नयी स्ट्रिप लेने पर आपको दवा के आकार में बदलाव लग रहा तो डॉक्टर या फार्मेसी को कॉल कर जानकारी लें।
5) वैध गोलियाँ हमेशा फ़ैक्टरी-निर्मित दिखाई देंगी। यदि आपकी गोलियाँ फटी हुई हैं, उन पर बुलबुले जैसी कोटिंग है, या वे भुरभुरी हैं, तो ध्यान दें। अतिरिक्त पाउडर या क्रिस्टल वाली फफूंदयुक्त गोलियाँ या जार को भी संदिग्ध माना जाना चाहिए।
अगर आपको लगता है कि आपको नकली दवा मिली है, तो उसका इस्तेमाल न करें. दवा को उस फ़ार्मेसी को लौटा दें जिसने आपको यह दी थी. अपने डॉक्टर और फ़ार्मेसी को कॉल करके उन्हें जानकारी दे दें।
आप अपनी शिकायत टोल फ्री नंबर 1800111255 पर भी दर्ज करा सकते हैं।
सोर्स- नवाचार डिजिटल समाचार
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