सरकारी कार्यालयों में सोशल मीडिया के प्रयोग पर पहले ही पाबंदी थी, जिसकी वजह से कई बार कर्मचारी नाम बदलकर आईडी बनाते थे, लेकिन इससे भी बात नहीं बनी तो कार्यालयों के सर्वर को फेसबुक, ट्वीटर या अन्य किसी भी ऐसे सोशल प्लेटफार्म के लिए सीमित कर दिए गए। अब ताजा मामला अस्पताल का हैं, दिल्ली में केंद्र सरकार के वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में सोशल मीडिया के प्रयोग पर सख्त पाबंदियां लगा दी गई हैं। इस बावत चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी, जूनियर चिकित्सय या फिर संकाय सदस्य सोशल मीडिया के प्रयोग संबंधी नियमों की अवहेलना करते हुए पाए जाएगें तो उनके खिलाफ अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी डायरेक्टर प्रशासन द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसा लंबे समय से देखा जा रहा है कि संस्थान के कुछ कर्मचारी कार्य संबंधी गतिविधियों को अनौपचारिक रूप से सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं, व्हाट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर पोस्ट की गई इन सूचनाओं से अस्पताल और मेडिकल संसाधन की छवि धूमिल हो रही है। जारी नोटिस में सख्त हिदायत दी गई है कि अस्पताल प्रशासन भविष्य में ऐसे किसी भी सूचना पर जिसे स्टाफ द्वारा पोस्ट किया गया, जरूरी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा। सोशल मीडिया पर जारी किए जाने वाले कंटेंट को तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है, पहला प्रोहिबिटेड कंटेंट, ऐसी कोई भी सामग्री जिसको सोशल मीडिया पर जारी करने से अस्पताल की छवि धूमिल होती है। इसमें किसी वरिष्ठ द्वारा दिए गए काम की आलोचना करना, ऐसे कंटेंट के लिए गैर सरकारी भाषा का प्रयोग करना आदि शामिल हैं। ऐसी किसी भी सामग्री को व्हाट्सअप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने सेंट्रल सिविल सर्विस रूल 1964 के तहत उक्त कर्मचारी को निलंबित, बर्खास्त या फिर अन्य तरह की दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन के सभी कर्मचारियों को कहा गया है कि वह संस्थान की गरिमा को बनाए रखने के लिए नियमों का यथावत पालन करें।
Azyah Claessens
Naliah Englmaier