नई दिल्ली,
पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा मच्छरों की उत्पत्ति को रोकने हेतू जैविक विधि का उपयोग करते हुए चिंतामणि झील गम्बूजिया मछलियों का उपयोग किया गया। उप-आयुक्त, शाहदरा (उत्तरी) क्षेत्र एवं क्षेत्रीय निगम पार्षद की अगुवाई में यह कार्य किया गया इसके अन्र्तगत लार्विसाइडल मछलियों को विभिन्न जगहों पर जलस्रोतों में डाला गया। गम्बूजिया मछली की यह विशेषता है कि यह मछली मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं जिससे मच्छर-जनित बीमारियों को रोकने में सहायता मिलती हैं और यह प्रक्रिया पूर्णत: सुरक्षित है जिससे किसी के भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नही पड़ता हैं।
इसके अतिरिक्त उप-महापौर किरण वैद्य एवं स्वास्थ्य समिति की अध्यक्षा कंचन महेश्वरी के निर्देशन में यमुना के किनारों पर रूके हुए पानी में मच्छर मार दवाई का छिड़काव भी किया गया। इस कार्यक्रम द्वारा मच्छरों की उत्पत्ति को ऐसी जगहों पर भी रोकने में सहायता मिली, जहां पर घनी झाड़ियां होने के कारण व्यक्तिगत पहुंच संभव नहीं थी। इस कार्यक्रम में सोनिया विहार से लेकर कश्मीरी गेट यमुना घाट तक नाव द्वारा मच्छर-मार दवाई का छिड़काव किया गया।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा मच्छर जनित बीमारियों की देखभाल हेतू अब तक निगम द्वारा 755 घरों में चालान किये गये और 7,788 घरों में लीगल नोटिस दिये गये हैं। मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतू निगम द्वारा अभी तक 487 बार आवासीय कल्याण संघ के सदस्यों के साथ बैठकें की गईं एवं 272 बार स्कूलों में प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों के साथ भी बैठकें की गई हैं। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली नगर निगम में अभी तक दो अंतरक्षेत्रीय समन्वय बैठकों का आयोजन भी किया जा चुका है। विभाग द्वारा अभी तक 24,38,522 बार घरों की जांच की जा चुकी है।