नई दिल्ली: नैशनल एलिजिब्लिटी कम इंट्रेस टेस्ट (NEET) के तहत ली गई पीजी परीक्षा के रिजल्ट पर एम्स के डॉक्टरों ने सवालिया निशान उठा दिया है। एम्स के डॉक्टरों का आरोप है कि इस परीक्षा में धांधली जैसा प्रतीत हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब रिजल्ट में रैंक देने के बजाए नंबर जारी किया गया हो और यह भी कहा जा रहा है कि रैंक कुछ दिनों के बाद जारी की जाएगी। इस बीच में डॉक्टरों से अपने रैंक में सुधार के लिए पैसे की भी डिमांड की जा रही है।
एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि इस परीक्षा का रिजल्ट 31 जनवरी को आना था, लेकिन 23 जनवरी को ही परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। वेबसाइट पर रिजल्ट जारी किय गया है, जिसमें एमबीबीएस स्टूडेंट्स अपना रॉल नंबर डालकर अपने नंबर देख सकता है, लेकिन उसे अपना रैंक नहीं पता। डॉक्टर का कहना है कि उनके कई मित्रों के पास अपने रैंक में सुधार के लिए पांच से दस लाख रूपये तक के ऑफर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में बहुत जल्द ऐसे डॉक्टरों को सामने लेकर आएंगे जिन्हें रैंक में सुधार के लिए ऑफर दिए जा रहे हैं।