लखनऊ
एसजीपीजीआई, लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग ने 10 बिस्तरों वाली समर्पित इस्केमिक स्ट्रोक यूनिट की शुरुआत की है। यह यूनिट ईएमआरटीसी भवन के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है और न्यूरोलॉजी, डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभागों के समन्वय से संचालित होगी। इसका उद्घाटन निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमन ने किया।
यह यूनिट विशेष रूप से इस्केमिक स्ट्रोक (मस्तिष्क को खून की आपूर्ति रुकने) के रोगियों के लिए है। स्ट्रोक के लक्षण जैसे शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, संतुलन गड़बड़ी, देखने या बोलने में कठिनाई आदि होने पर यदि मरीज 6 घंटे के भीतर यूनिट में पहुंचता है, तो थ्रोम्बोलिसिस (रक्त घुलाने वाली दवा) या मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी (रक्त का थक्का हटाना) द्वारा उपचार संभव है।
यूनिट आपातकालीन भवन में स्थित है, जिससे मरीजों को जल्दी इलाज मिल सके। यूनिट के पास ही सीटी स्कैन, डीएसए सूट और प्रयोगशालाएं मौजूद हैं, जिससे रोगी को बिना विलंब जांच और इलाज मिल सकता है।
स्ट्रोक यूनिट “समय ही मस्तिष्क है” के सिद्धांत पर कार्य करती है और मरीजों की त्वरित जांच और इलाज को प्राथमिकता देती है। जैसे ही स्ट्रोक का मरीज आता है, डॉक्टरों की टीम सक्रिय हो जाती है और सीटी स्कैन व खून की जांच के बाद तुरंत इलाज शुरू किया जाता है।
सीएमएस प्रो. देवेंद्र गुप्ता ,एम एस प्रो. प्रशांत अग्रवाल , रेडियोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो अर्चना गुप्ता, एचओडी, रेडियोलॉजी, न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. विमल के. पालीवाल, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट प्रो. विवेक के. सिंह , प्रो विनीता विशेष रूप से मौजूद रहे।
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