पेंशन व आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाएं भी
लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार अब ट्रांसजेंडरों की देखभाल व सेहत का भी जिम्मा उठायेगी। 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडरों को वृद्धाश्रम की सुविधा दी जायेगी। इसके साथ ही उन्हें पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, स्वास्थ्य जांच, भोजन और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग जैसी आवश्यक सेवाओं का लाभ भी दिया जायेगा।
ट्रांसजेंडर जिसे दशकों तक उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ा। सरकार ने अब ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार देने की पहल की है। राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को वृद्धाश्रम की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें न केवल आश्रय मिलेगा, बल्कि एक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर भी मिलेगा। इसी के तहत ट्रांसजेंडरों को सरकारी योजनाओं से जोडऩे के लिए उनका पंजीकरण भी किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों में ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्यवस्थित और संवेदनशील देखभाल व्यवस्था की गई है। इनमें पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच, दवाइयों की उपलब्धता, चिकित्सकीय देखरेख और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग सेवाएं शामिल हैं। इन वृद्धाश्रमों में सामुदायिक गतिविधियों, पुस्तकालय, योग एवं ध्यान सत्र जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें सक्रिय और सकारात्मक जीवन जीने के अवसर मिलेगें। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मासिक पेंशन और आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी देने की पहल की गयी है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय की सुरक्षा और समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने हर जनपद में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल की स्थापना की है। जिलाधिकारी देखरेख में इस सेल संचालित की जा रही है, जिससे इनकी कार्यप्रणाली प्रभावी और उत्तरदायी बनी रहे। राज्य स्तर पर भी ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल का गठन किया गया है जो समग्र निगरानी और नीति-निर्माण में सहयोग करता है। सुरक्षा सेल के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को पुलिस संरक्षण, कानूनी सहायता, उत्पीडऩ के मामलों में कार्रवाई और सामाजिक पुनर्वास जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
मालूम हो कि प्रदेश में वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर समुदाय के लए समर्पित कल्याण नीति लागू की। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया, जो योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालता है। गोरखपुर में पहला गरिमा गृह स्थापित किया गया है। अब तक 1,067 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी हो रही है। साथ ही 248 ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।