क्या है MPOX वायरस, भारत में कब आया था पहला मामला

What is Monkey Pox Virus, when did the first case come to India?
What is Monkey Pox Virus, when did the first case come to India?

नई दिल्ली
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकी पॉक्स (Monkey Pox)को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जा चुका है। मंकी पॉक्स जिसे एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है, एक वायरल बीमारी के रूप में भी जाना जाता है। डब्लूएचओ ने 13 अगस्त को विभिन्न देशों में बीमारी मरीज देखे जाने के बाद संक्रमण को वायरल को चिंता का अंतराष्ट्रीय विषय घोषित किया है। अफ्रीका सहित 13 देशों में वायरल का प्रकोप पहुंच चुका है, कुछ समय पहले पाकिस्तान में भी संक्रमण के तीन मामले देखे गए। वायरल अधिकांशत: बच्चों को प्रभावित करता है।
मंकीपॉक्स वायरस के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए सेहत365 की टीम ने आईएमए एएमआर (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एंटीमाक्रोबायल रेसिसटेंस) के चेयरमैन डॉ नरेन्द्र सैनी से बात की। डॉ. सैनी ने बताया संक्रमित व्यक्ति को छूने उसकी इस्तेमाल की गई चीजों के प्रयोग करने और संक्रमित व्यक्ति के साथ में रहने से यह बीमारी फैलती है, इसलिए इसे संक्रामक बीमारी कहा गया है। आमतौर पर संक्रमण के हल्के लक्षण जैसे बुखार, दर्दनाक दाने, सिरदर्द , नियमित संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता है जो लोगों के बीच और संक्रमित जानवरों से आसानी से फैल सकता है। यह छूने, चूमने या सेक्स जैसे नज़दीकी संपर्क के ज़रिए फैल सकता है, साथ ही चादर, कपड़े और सुई जैसी दूषित सामग्री के ज़रिए भी फैल सकता है। आमतौर पर बढ़े हुए लिम्फ नोड्स और शरीर पर मवाद से भरे घावों व फ्लू जैसे लक्षण मंकी पॉक्स संक्रमण के हो सकते हैं। संक्रमण का असर दो से चार हफ्ते तक रहता है। हालांकि विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन की अनुमति दी है।

दो टीके की खुराक
एमपॉक्स का वैक्सीन दो डोज में लगाया जाता है। टीकाकरण की डोज का निर्धारण विशेषज्ञों की कमेटी द्वारा किया गया है। जो संक्रमण से पूरी तरह बचाव के लिए कारगर है।

500 से अधिक मौत
जानकारी के अनुसार इस साल मंकीपॉक्स के अब तक 17000 से अधिक संदिग्ध मामले देखे जा चुके हैं, जबकि 500 लोगों की मौत हो चुकी है। इस नए स्ट्रेन का एक मामला स्वीडन में और तीन मामले पडोसी देश पाकिस्तान में देखे गए हैं। बच्चो में वायरस का असर अधिक देखा जाता है, इसके साथ ही आर्थोपॉक्स वायरस, एमपॉक्स, क्लेड आईबी स्ट्रेन के कारण होता है, जिसे काफी घातक माना गया है।

भारत में 2022 में देखा गया मामला
विश्व स्वास्थ्य संगठन, साउथ ईस्ट एशिया भारत में 15 जुलाई को 35 वर्षीय युवक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। वर्ष 2022 में संक्रमण ने 200 से अधिक देशों पर कहर बरपाया था। तीन साल में एमपॉक्स को दूसा्री बार इमरजेंसी घोषित किया गया है। यह वायरस मुख्य रूप से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों को प्रभावित करता है। चिंता की बात यह है कि 15 साल से कम उम्र की लड़कयिां भी इस वायरस का शिकार हो रही है, इसे ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल की घोषणा करने का फैसला किया है, ताकि स्थिति को और खराब होने से रोका जा सके।

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