नई दिल्ली: जांघ या कलाई की नस के जरिए अब तक हार्ट के इलाज के लिए डॉक्टर एंजियोग्राफी करते थे, लेकिन अब यही प्रोसीजर डॉक्टर अंगूठे के नस से करने लगे हैं। यानि अंगूठे से दिल तक पहुंचने लगा है स्टेंट। दिल्ली के डॉक्टर ने अब तक 50 मरीजों का इस तकनीक से सफल इलाज कर चुके हैं।
एंजियोग्राफी एक टेस्ट, जिसमें जांघ या कलाई पर कट लगाकर धमनियों में रक्तसंचार के अवरोधों का पता लगाया जा सकता है, लेकिन दिल्ली फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने एक नई तकनीक के जरिए इस जांच को और भी ज्यादा आसान बना दिया है। अब अंगूठे पर कट लगाने के बाद एंजियोग्राफी की जा रही है।
इस नई तकनीक के बारे में वसंतकुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल के ह्दयरोग विशेषज्ञ डॉ. तपन घोष ने कहा कि तीन माह से इस तकनीक पर उनके अस्पताल में काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कलाई, जांघ या फिर अंगूठा कहीं से भी एंजियोग्राफी करने पर उसमें इस्तेमाल होने वाली दवाएं एक जैसी होती हैं। ये जब उंगली के जरिए किया जाता है तो इसे लेफ्ट डिस्टल रेडियल एंजियोग्राफी कहते हैं। पारंपरिक प्रक्रिया के मुकाबले उंगली के जरिए एंजियोग्राफी करने में कम समय लगता है और इसमें रोगी को दर्द न के बराबर होता है।
डॉ. तपन ने ये भी बताया कि अस्पताल में इस तकनीक के लिए कोई अतिरिक्त फीस भी मरीजों से नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर अन्य अस्पताल भी इस तकनीक का लाभ लेते हैं तो काफी हद तक दिल के मरीजों का समय, रक्त की फिजुल खर्ची और दर्द से राहत दी जा सकती है।