नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने स्थापना दिवस के पर आयोजित एक बैठक में एक मत से मेडिकल एग्ज़िट एग़्ज़ाम का विरोध करने का फैसला किया। आईएमए के प्रेसिडेंट डॉक्टर के के अग्रवाल ने कहा कि इस बैठक में एकमत से मेडिकल एग्ज़िट एग़्ज़ाम का विरोध करने का फैसला हुआ। जिसने एमबीबीएस कर लिया हो उसे प्रैक्टिस करने के लिए एक और एग्ज़ाम देना अन्याय है। हम केंद्रीय एमबीबीएस परीक्षा के पक्ष में हैं।
डॉ अग्रवाल की अगुवाई में आईएमए 2017 में किफ़ायती और सबकी पहुंच में स्वास्थय सेवा पहुंचाने के सपने को हकीकत में बदलने के लिए काम किया जाएगा। आईएमए ने आम सर्जरी के लिए 15000 की निश्चत राशि फिक्स कर दी है। कान्फ्रेंस के दौरान जनरल सेक्रेटरी डॉ आर एन टंडन ने कहा कि आईएमए उन डॉक्टरों के लिए आरक्षण के हक में है जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं दी हैं, लेकिन इसे राज्य मे उनकी संख्या के अनुपात में तैयार किया जाए।
डॉक्टरों ने कहा कि आईएमए मेडिकल शिक्षा के मापदंड तैयार करेगा और आईएमए क्लिनिक्स की शुरूआत करेगा। सभी डॉक्टर नैशनल हेल्थ प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं जिसे आईएमए क्लिनिक का प्रमाणपत्र देगा। 2017 में आईएमए मेडिकल लापरवाही के मामले में मुआवज़े की सीमा तैय करने की मांग, अलोकतांत्रिक नैशनल कमीशन बिल का विरोध और ग़ैर एमबीबीएस बीडीएस डॉक्टरों को आधुनिक दवाईयां लिखने पर पाबंदी की मांग करता रहेगा।