आपके खर्राटों की वजह ऑबस्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया तो नहीं

नई दिल्ली: ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) नींद का एक विकार है, जिसमें सांस लेते समय हवा का बहाव कम हो जता है। सोते समय सांस की यह एक आम समस्या है। इस वजह से नींद के दौरान हवा के बहाव का ऊपरी हिस्सा काम करना बंद भी कर सकता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया दिन में ज्यादा सोने से जुड़ा हुआ है। जब हवा के बहाव का मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है तो उसे ऑबस्ट्रक्टिव एप्निया कहा जाता है। जब थोड़ी सी रुकावट से हवा का बहाव कम हो जाता है तो उसे हाईपोपेनिया कहा जाता है। सोते समय किसी को भी एप्निया और हाईपोपेनिया हो सकता है।

इस बारे में जानकारी देते हुए आईएमए के नेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट एवं एचसीएफआई के प्रेसीडेंट डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, ‘‘एपनिया या हाईपोपेनिया की वजह से सांस कम आता है, जिससे ऑक्सीजन कम हो जाती है और कार्बन डाईऑक्साइड बढ़ जाती है। चूंकि हवा का रास्ता बंद होता है, इसलिए तेजी या जोर से सांस लेने के बावजूद ऑक्सीजन का स्तर तब तक संतुलित नहीं होता जब तक हवा का बहाव खुल नहीं जाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर ऐसा करने के लिए व्यक्ति को नींद से जागना पड़ता है। एक बार रास्ता खुल जाए तो हम कई गहरी सांसे लेकर सांस को संतुलित करते हैं। जब पीड़ित उठता है तो वह थोड़ा सा हिल सकता है, खर्राटे ले सकता है और गहरी सांस ले सकता है। कोई व्यक्ति हांफते हुए, दम घुटने या सांस में रुकवाट महसूस होने पर बहुत कम बार पूरी तरह से उठ सकता है।’’

इसके प्रमुख लक्षणों में तेज आवाज में खर्राटे, कमजोरी और दिन में सोना आदि होते हैं। लेकिन कुछ लोगों में कोई भी लक्षण नजर नहीं आता। थकान और अनिद्रा के कई कारण होते हैं और आमतौर पर ज्यादा थके होना और बढ़ती उम्र इसका कारण माना जाता है। डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि इसके साथ फेफड़ों का हल्का हाईपरटेंशन भी जुड़ा रहता है। दिल का ब्लॉकेज गंभीर ओएसए की वजह से होता है, हल्के से नहीं। इसलिए मरीजों को अपनी ओएसए की जांच करवानी चाहिए।

कुछ और लक्षण :
-बेचैनी भरी नींद -हांफते हुए, दम घुटने या सांस में रुकवाट महसूस करते हुए उठना
-बार बार पेशाब करने के लिए उठना -थके हुए और सुस्त उठना
-याद न रहना, ध्यान लगाने में परेशानी, ऊर्जा कम रहना

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