नई दिल्ली,
सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसन द्वारा हाल ही में आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी या शल्य चिकित्सा करने संबंधी सरकारी आदेश जारी किया है। जिसके बाद आयुर्वेदाचार्य भी शल्य चिकित्सा कर पाएगें। देशभर में मेडिकल संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है, जिसको लेकर आठ दिसंबर यानि कल मंगलवार को देशभर के दस हजार सार्वजनिक जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। दिल्ली में एनएमसी ऑफिस द्वारका पर दो चिकित्सक सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक भूख हड़ताल करेंगे, आईएमए मुख्यालय, निर्माण भवन, जंतर मंतर और एम्स पर दोपहर 12 बजे से दो बजे तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित रेजिडेंड डॉक्टर्स एसोसिएशन और अन्य प्रमुख चिकित्सा संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और मंगलवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. आदर्श प्रताप सिंह ने बताया कि आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें इलाज की वैकल्पिक और पारंपरिक चिकित्सा विधि से बीमारियों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा सर्जरी की अनुमति दिए जाने के बाद निश्चित रूप से इलाज की गुणवत्ता प्रभावित होगी, आयुर्वेदिक डॉक्टर शल्य चिकित्सा या सर्जरी कैसे कर सकते हैं? जबकि इलाज की पारंपरिक विधि के बारे में सिखाया जाता है। आईएमए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जारी आधिकारिक जानकारी के अनुसार सरकार के इस आदेश के खिलाफ आठ दिसंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, कोरोना काल को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करते हुए जगह जगह पर कम संख्या में चिकित्सक जुटेंगें। इसी क्रम में दिल्ली में पांच प्रमुख जगहों पर डॉक्टर अपना विरोध दर्ज करेंगे। आईएमए के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क की तरफ से डॉ. सिमरन कालरा और डॉक्टर मृत्यंजय गुप्ता मंगलवार को भूख हड़ताल पर रहेंगे।