नई दिल्ली,
मुंबई और चेन्नई के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भारतीय रेलवे के साथ मिलकर दिल्ली में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए जागरूकता शिविर लगाया। इसमें रेलवे में काम करने वाले कर्मचारी और उनके परिवार के एक हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई। बीआईएस यानि बेनिफिसियरी आईडेंसिटीफिकेशन सिस्टम के तहत लाभार्थियों को योजना का लाभ उठाने संबंधी जानकारी दी गई।
मालूम हो कि इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भारतीय रेलवे के अंर्तगत आने वाले 17 जोन के सभी 91 अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। मौके पर उपस्थित रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत एक साल में एक ही परिवार के लोग पांच लाख रुपए तक की मेडिकल चिकित्सीय सहायता का लाभ उठा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में शुरू की गई इस योजना का अधिक से अधिक से लोगों को लाभ मिले इसके लिए भारतीय रेलवे से इसे रेलवे के सभी अस्पतालों में लागू करने का निर्णय लिया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में तीस लाख से अधिक लोग योजना के तहत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कैशलेस इलाज ले चुके हैं। बावजूद इसके अभी एक बहुत बड़ी आबादी तक योजना के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना बाकी है, इसी क्रम में एक जून को मुंबई में और 18 जून को चेन्नई में जागरूकता अभियान चलाया गया। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सीईओ इंदू भूषण ने कहा कि मुंबई और चेन्नई के अभियान से प्रभावित होकर दिल्ली में प्रमुख चार जगहों पर जागरूकता शिविर लगाया गया, जिससे भारतीय रेलवे में काम करने वाले कर्मचारियों को योजना का लाभ लेने में आने वाले दिक्कतों का हल किया जा सके।
अब तक कितने लाभार्थी
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य भारत के तहत जून महीने तक देश में 3.86 ई कार्ड जारी किए गए हैं। इससे अब तक 30.21 लाभार्थियों का फायदा मिल चुका है। कुल 4,072 करोड़ रूपए की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है और 15,749 अस्पतालों को योजना से सम्बद्ध किया जा चुका है।