नई दिल्ली
वल्र्ड विजन इंडिया ने मंगलवार को इंडिया चाइल्ड वेल-बीइंग रिपोर्ट 2021 का तीसरा संस्करण जारी किया। इस रिपोर्ट में 28 राज्यों और 9 केन्द्र शासित प्रदेशों के 725 जिलों के व्यापक सूचकांक के माध्यम से बाल कल्याण की जानकारी दी गई है। यह सूचकांक 38 बिंदु और चार प्रमुख स्थितियां जैसे स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और स्कूली शिक्षा के आधार पर राज्यों के बाल कल्याण को दर्शाता है।
रिपोर्ट जारी करते हुए भारत सरकार के नीति आयोग के लक्षित जिलों के मिशन निदेशक राकेश रंजन ने भारत में बच्चों के अधिकारों को साकार करने की दिशा में आपसी समर्पण को दोहराया। उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार और एनजीओ जैसे विकास भागीदार बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम प्रमुख सरकारी योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए समुदायों में निरंतर प्रयास करें। इसके साथ ही हमें बाल स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों के समाधान के लिए समुदायों के भीतर एक बड़ी जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।
वल्र्ड विजन इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक और सीईओ माधव बेलमकोंडा ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि रिपोर्ट में यह बात काफी अच्छे से दर्शाई गई है की देश ने पिछले कुछ दशकों में बाल कल्याण से संबंधित कई मापदंडों में अच्छी प्रगति की है। लेकिन इसके बावजूद अंतराल और असमानताएं भी हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्यों और जिलों में लाभ और अभाव कुछ हद तक असमान रूप से प्रदर्शित होते है। वल्र्ड विजन इंडिया का मानना है कि किसी भी देश की स्थिति का सही पैमाना यह है कि वह बच्चों के कल्याण हेतु कितना अच्छा वातावरण देता है। हमें अभी काम करने की जरूरत है और अवसर का फायदा उठाने की जरूरत है ताकि देश का हर बच्चा न केवल जीवित रहे बल्कि आगे बढ़े। यदि हम ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो आने वाले दशकों में कोविड19 महामारी का सबसे बुरा असर बच्चों के कल्याण के लिए अब तक की गई प्रगति पर देखा जाएगा।
हाल ही की रिपोर्ट समग्र बाल कल्याण सूचकांकों में भारत के सभी जिलों और राज्यों की देश आधारित स्थिति को प्रदर्शित करती है। बाल कल्याण और उनकी नीति प्रासंगिकता से जुड़े कई सारे मुद्दों पर विचार करने के बाद इनका चयन किया गया था। बाल कल्याण के आधार पर चयन किए गए मुद्दों के लिए जिला स्तर के आंकड़े राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2017, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2019, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 2019-20, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (76वां दौर अनुसूची 1.2), और एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली 2019-20 आदि स्रोतों से लिए गए है।
रिपोर्ट के अनुसार केरल, उत्तराखंड और पंजाब समग्र बाल कल्याण सूचकांक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में मिजोरम सबसे आगे है जबकि बिहार सबसे पीछे है। स्वच्छता के मामले में, सिक्किम सबसे आगे है, जबकि ओडिशा सबसे पीछे है। बाल सुरक्षा के क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश सबसे आगे है, जबकि केरल में काफी बुरी स्थिति है। स्कूली शिक्षा के मामले में केरल सबसे आगे है, जबकि मेघालय सबसे पीछे है।
जिलेवार आंकड़ों का विश्लेषण इंडिया चाइल्ड वेल-बीइंग 2021 रिपोर्ट के चार क्षेत्रों में लक्षित जिलों के प्रदर्शन को दर्शाता है। बच्चों के कल्याण संबंधी मामलों पर महामारी के प्रभाव का अध्ययन यह बताता है की कोविड 19 ने बच्चों के विकास को किस तरह अवरुद्ध किया है।
इंडिया चाइल्ड वेल-बीइंग रिपोर्ट- 2021 के लिए नॉलेज पार्टनर्स में पॉवर्टी लर्निंग फाउंडेशन (पीएलएफ), यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ, यूनाइटेड किंगडम, हैदराबाद का सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल स्टडीज (सीईएसएस) और लखनऊ का श्री जय नारायण मिश्रा पोस्ट ग्रेजुएट (जेएनएम पीजी) कॉलेज भी शामिल हैं।
इंडिया चाइल्ड वेल-बीइंग रिपोर्ट का यह तीसरा संस्करण है, जिसमें देश में बच्चों की स्थिति का विश्लेषण, कल्याण और सेवाओं की प्राप्ति दोनों संदर्भ में किया गया है।