सर्दियों में नवजात के लिए कंगारू केयर जरूरी

Kangaroo care is necessary for newborns in winters, Kangaroo care can save newborns from hypothermia

लखनऊ, महिमा तिवारी

समय से पहले जन्म लेने वाले नवजातों को हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक होता है। यह वह स्थिति होती है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है और शरीर ठंडा पडऩे लगता है, जिससे उनकी मौत तक हो जाती है। ऐसे में समय पूर्व जन्म लेने वाले नवजात के लिए पहली सर्दी निकालना काफी चुनौतिपूर्ण हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि  कंगारू मदर केयर के जरिए नवजातों को इससे बचाया जा सकता है।

संजय गांधी पीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डा. पियाली भट्टाचार्य बताती हैं कि हाइपोथर्मिया की संभावना उन बच्चों में अधिक होती है जिनका वजन 2.5 किग्रा से कम होता है या जिनका जन्म समय से पहले हो जाता है।  इसका कारण है कि नवजात की त्वचा पतली होती है और उनमें ब्राउन वसा (फैट) कम होने के कारण तापमान नियंत्रित नहींं हो पाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) का प्रयोग किया जाता है। इस विधि में नवजात को मां के सीने से लगाकर त्वचा से त्वचा के संपर्क कर थेरेपी देकर तापमान नियंत्रित किया जाता है। डा. भट्टाचार्या का कहना है कि केएमसी न केवल हाइपोथर्मिया से बचाता है बल्कि निमोनिया और हाइपोग्लाईसिमिया( शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम होना) से भी बचाता है। यदि बच्चा सांस रोक ले तो मां का सांस लेना बच्चे को सांस लेने के लिए  प्रोत्साहित करता है। इसके साथ ही यह अस्पताल में लंबे समय तक रहने की अवधि को भी कम करता है। यह बच्चों में वजन को बढ़ाता है। यह मां और बच्चे में भावनात्मक संबंध को बढ़ाता है, जिससे मां का दूध जल्दी उतरता हैै। राष्टï्रीय मिशन के बाल स्वास्थ्य के महाप्रबंधक डा. सुर्यान्शु ओझा का कहना है कि शोध से यह निष्कर्ष सामने आये हैं कि केएमसी के द्वारा दो किलो से कम वजन वाले शिशुओं में होने वाली सभी मौतों में से आधे को रोका जा सकता है। वह बताते हैं कि नवजात मृत्यु दर में भी कमी राष्टï्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (एनएफएचएस) के आंकड़ों में दिखाई देती है। जहां एनएफएचएस-4 में नवजात मृत्यु दर 45 थी वहीं   एनएफएचएस-5 में घटकर 35.7 हो गयी। प्रदेश के जिला अस्पतालों में  297 मातृ नवजात देखभाल इकाई (एमएनसीयू) वार्ड /केएमसी लाउंज  खोले गए हैं। केएमसी लाउंज/ एमएनसीयू वार्ड एक विशेष प्रकार की इकाई है जो कि कंगारू मदर केयर (केएमसी) से प्रेरित है। इसमें माताएं उन नवजातों को जिनका जन्म समय पूर्व हो जाता है या जो नवजात जन्म के समय कम वजन के होते हैं उनको एक विशेष कक्ष में अपने सीने से लगाकर रखती हैं। अवगत हो कि कंगारू मदर केयर लाउंज/ एमएनसीयू वार्ड में केएमसी देते हुए सभी उपचार किए जाते हैं, ताकि बच्चे के शरीर का तापमान सामान्य रहे, इंफेक्शन कम हो, स्तनपान भी  जारी रहे, मां और शिशु के बीच बॉन्डिंग बनें और उनकी जान बच सके।

हाइपोथर्मिया के लक्षण

– शरीर का ठंडा पड़ जाना

– त्वचा का रंग नीला हो जाना

– स्तनपान ठीक से न कर पाना

– आक्सीजन स्तर का कम होना

– ह्दय की अनियमित धडक़न

– हाइपोग्लाइसीमिया यानि शरीर में ग्लूकोज की मात्रा का कम होना

नवजात का ऐसे रखें ध्यान

– जिस कमरे  में नवजात को रखें उसका तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस रखें

– बच्चे को जन्म के 48 से 72 घंटे तक न नहलायें

– नवजात को सामान्य से दो से तीन लेयर ज्यादा कपड़े पहनायें

– छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान करायेंट

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