एम्स और एलएनजेपी में ओपीडी सेवाएं सीमित की गईं

नई दिल्ली,
कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण दो माह बाद एम्स और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल ने ओपीडी सेवाओं को एक बार फिर सीमित करने का फैसला किया है। इसके तहत एम्स में इलाज के लिए बगैर अप्वाइंटमेंट के सीधे पहुंचने वाले मरीजों का ओपीडी पंजीकरण नहीं होगा। इसलिए बगैर अप्वाइंटमेंट के पहुंचने वाले मरीज नहीं देखे जाएंगे। सिर्फ ऑनलाइन व कॉल सेंटर के जरिये अप्वाइंटमेंट लेने वाले मरीज ही ओपीडी में देखे जाएंगे। इसी तरह दिल्ली सरकार के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल ने भी चार अप्रैल से नये मरीजों के पंजीकरण को रोक दिया है। अस्पताल में फिलहाल केवल पुराने पंजीकृत मरीजों को ही देखा जाएा। सीमित ओपीडी होने की वजह से प्रतिदिन ओपीडी में बहुत कम मरीज देखे जाएंगे।
एम्स में आठ अप्रैल से यह आदेश लागू होगा, जबकि एलएनजेपी में इसे चार अप्रैल से लागू कर दिया गया है। जिसकी वजह से दूसरे रोगों से पीड़ित मरीजों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण पिछले साल 18 मार्च से एम्स में ओपीडी सेवा बंद कर दी गई थी। बाद में पिछले 25 जून को एम्स ने कुछ प्रतिबंधों के साथ ओपीडी शुरू हुई। शुरुआत में सभी विभागों में 15-15 मरीज देखे जा रहे थे। बाद में ओपीडी में सभी विभागों के लिए मरीजों की संख्या बढ़ाकर 30 निर्धारित की गई। इस साल तीन फरवरी तक ओपीडी में सीमित संख्या में ही मरीज देखे जा रहे थे। चार फरवरी से ओपीडी सेवा पूरी तरह सामान्य हुई थी। इसके तहत सभी विभागों में प्रतिदिन नए व पुराने मरीजों को मिलकर 150 मरीज देखने का प्रविधान किया गया था। इसके तहत 70 फीसद मरीज अप्वाइंटमेंट के माध्यम से देखे जा रहे थे। जबकि 30 फीसद बगैर अप्वाइंटमेंट के पहुंचने वाले मरीज सीधे ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर पहुंचकर कार्ड बनवा पा रहे थे। इस वजह से सुबह से ही मरीजों की लाइन लग जाती थी। अब एम्स प्रशासन ने एक बार फिर ओपीडी में मरीजों की संख्या कम करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिया है। एम्स प्रशासन के अनुसार कोरोना का संक्रमण कम करने के कारण ओपीडी सेवाओं को कम करने का फैसला किया गया है। संक्रमण बढ़ने के कारण काफी संख्या में डॉक्टर व पैरामेडिकल कर्मचारी कोरोना के इलाज और जांच में लगाए गए हैं। ओपीडी सेवाओं को कम करने का यह भी एक कारण है। ओपीडी सेवाएं सीमित करने के साथ ही एम्स ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए भी कमर कस ली है, इस बावत मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इमरजेंसी में इलाज के लिए आने वाले सभी मरीजों का एंटीजन टेस्ट जरूर किया जाएगा, कोविड जांच की व्यवस्था पूर्व की तरह ही वार्ड स्तर पर ही उपलब्ध होगी। कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेटेड एरिया एक फिर तैयार कर दिया गया है, सभी विभागाध्यक्षों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तुरंत तैयार रहने को कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *