नई दिल्ली,
कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहे कोरोना वॉरियर पर संक्रमण भारी पड़ रहा है। एम्स में बीते दस दिन में कोरोना से तीन मौत हो चुकी हैं। रविवार देर शाम एम्स के सीनियर सफाई अधिकारी हीरा लाल की कोविड की वजह से मौत हो गई। वह एक हफ्ते से बीमार चल रहे थे। इससे पहले संस्थान के मेस के कर्मचारी खेम सिंह और मेडिसिन विभाग के पूर्व एचओडी प्रो. डॉ. जेएन पांडे की 23 मई को कोरोना की वजह से मृत्यु हो गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीनियर सैनिटेशन अधिकारी हीरा लाल बीते तीस साल से एम्स में कार्यरत थे। वार्ड में सभी की ड्यूटी नियुक्त करना और रोस्टर आदि लगाने का उन्हीं का काम होता था। एक सप्ताह पहले उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई तो उनका बेटा उन्हें एम्स की इमरजेंसी में लेकर पहुंचा, जहां साधारण ब्लड टेस्ट कराकर उन्हें वापिस घर भेज दिया गया। बीते सप्ताह जब तबियत दोबारा खराब हुई तो उनकी कोविड जांच की गई, और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। तब से ही हीरा लाल का एम्स में इलाज चल रहा था। 58 वर्षीय ऑफिसर की रविवार देर रात एम्स में मृत्यु हो गई। एम्स के कर्मचारी यूनियर के कुलदीप धींगान ने बताया कि हाई रिस्क जोन में काम करने के बाद भी संस्थान के सभी कर्मचारियों की कोविड जांच नहीं की जा रही है। जांच से पहले लक्ष्ण या एसिम्पमैटिक कर्मचारियों को ही कोविड जांच के लिए रखा जा रहा है। हीरा लाल को कोविड को किसी तरह के लक्षण नहीं थे, एक हफ्ते जब उन्हें पेट में दर्द और सांस लेने में दिक्कत हुई तो साधारण ब्लड जांच कर घर भेज दिया गया। यदि उस समय ही इलाज शुरू कर दिया जाता तो हीरा लाल को हम बचा पाते।
50 सुरक्षा कर्मचारी कोविड पॉजिटिव
संस्थान के जेरिएट्रिक विभाग के वरिष्ठ प्रोफसर और पूर्व आरडीए अध्यक्ष डॉ. विजय गुर्जर ने बताया कि संस्थान के पचास सुरक्षा कर्मचारियों की कोविड जांच पॉजिटिव पाई गई है। जिसमें से अधिकांश कोटला मुबारकपुर और युसुफ सराय के सघन जगह पर रहने पर मजबूर हैं, यहां एक ही कमरे में चार से पांच कर्मचारी एक साथ रहते हैं और एक ही शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में संक्रमण को बढ़ने से नहीं रोका जा सकता।