निशि भाट
नई दिल्ली,
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे,
इन्सान वही जो किसी की तक़दीर बदल दे…बुधवार को कुछ ऐसा ही उदाहरण बने हैं एम्स दिल्ली के गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर लोकेश मौर्य। लोकेश, जो कोरोना संक्रमण से जीतकर अभी नॉर्मल भी नहीं हुए थे कि उनके सामने किसी और कि जिंदगी बचाने की चुनौती आन पड़ी। एक योद्धा की तरह लोकेश आगे बढ़े और चुनौती को अवसर में बदलते हुए समर्पण की मिसाल पेश की। दरअसल, एक रेजिडेंट डॉक्टर के रिश्तेदार को प्लाज्मा थैरेपी की आपात स्थिति का सामना करना पड़ा। वह मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। लोकेश जो कि हाल ही में घातक कोरोना को मात देकर लौटे थे, उन्होंने अपने चिकित्सीय धर्म को निभाते हुए तुरन्त प्लाज्मा दान करने का संकल्प लिया। परमात्मा मेहरबान हुआ और दोनों ही स्वास्थ्य की कुशलता को प्राप्त हुए। वहीं, लोकेश ने इस संकल्प के साथ ही एक नजीर भी पेश की कि परमार्थ की भावना से किया गया दान पुण्य को प्राप्त होता है। फिलहाल दोनों परिवारों में खुशी है।
एम्स के कोरोना वॉरियर नर्सिंग ऑफिसर ने संस्थान के ही कोरोना संक्रमित रेजिडेंट डॉक्टर के रिश्तेदार को प्लाज्मा डोनेट किया है। नर्सिंग ऑफिसर कोरोना पॉजिटिव थे, और कुछ दिन पहले ही वह संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हुए हैं। मालूम हो कि एनओ लोकेश मौर्य ने कोरोना के इलाज के बाद जरूरत पड़ने पर अपना प्लाज्मा डोनेट करने की शपथ ली थी। लोकेश मौर्य ने मैक्स अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज को प्लाज्मा डोनेट किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एम्स के गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग में तैनात लोकेश मौर्य को कुछ दिन पहले कोरोना हुआ था और बिना किसी दिक्कत से उन्होंने कोरोना से जंग जीत भी ली। इसी दौरान एम्स में कोरोना संक्रमण का सफल इलाज कराने वाले मरीज से एक शपथ पत्र पर सहमति ली गई कि जरूरत पड़ने पर कोरोना वॉरियर प्लाज्मा डोनेट करने के लिए स्वतंत्र रहेगें। लोकेश मौर्य ने संस्थान को लिखे पत्र में अपने प्लाज्मा डोनेट करने की अनुमति ली और मैक्स अस्पताल में भर्ती एक रेजिडेंट डॉक्टर के रिश्तेदार को प्लाज्मा चढ़ाया गया।