एम्स में इलाज कराने के लिए आने पर अब आपको नकदी साथ में रखने की जरूरत नहीं होगी। कैशलेस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करते हुए जनवरी के पहले हफ्ते से सभी विभागों के प्रीपेड कार्ड जारी किए जाएगें, जिसमें मरीज जांच से लेकर सर्जरी और दवाओं के अनुमानित धनराशि का रिचार्ज करा सकेगें। अहम यह है कि यह सुविधा भर्ती मरीजों के लिए अनिवार्य होगी जबकि ओपीडी मरीजों के लिए इसे वैकल्पिक रखा गया है।
एम्स की तकनीकि सुविधा और कंम्यूटराइजेशन सेवा के प्रमुख डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि प्रीपेड कार्ड का सबसे अधिक फायदा यह होगा कि मरीजों को इलाज के लिए लाने वाले पैसों के खोने का डर नहीं होगा, जैसा अब अकसर होता है। भर्ती कराने पर पंजीकरण कराने के साथ ही मरीज को कार्ड जारी कर दिया जाएगा, जो उसके संस्थान में भर्ती रहने तक मान्य होगा। यह व्यवस्था आरपी सेंटर, सीएनसी, सहित कैंसर विभाग और सभी प्रमुख विभागों में शुरू की जाएगी। इसके अलावा संस्थान पंजीकरण काउंटर पर पेटीएम और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेरेंस) जैसे विकल्प भी रखेगी।
आधार कार्ड बिना पंजीकरण के 100 रुपए लगेंगे
एम्स में आधार कार्ड बिना पंजीकरण कराने वालों को मुशिकल हो सकती है। संस्थान ने आधार को एक तरह को अनिवार्य करते हुए बिना आधार के पंजीकरण कराने वालों के लिए 100 रुपए शुल्क निर्धारित किया है। एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि आधार कार्ड होने पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा, जबकि जिनके पास आधार के अलावा, वोटर आईडी, लाइसेंस या व्यकितगत पहचान का कोई भी प्रमाण नहीं है उन्हें पंजीकरण के लिए 100 रुपए का भुगतान करना होगा।