एम्स में रैगिंग, एक हफ्ते में दो दो मामले

नई दिल्ली: एम्स में रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है। एक हफ्ते के अंदर रैगिंग के दो दो मामले सामने आए हैं। इस दोनों मामलों को एम्स प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए सख्त एक्शन लिया है। पहले मामले में एम्स के एमबीबीएस के फर्स्ट सेमेस्टर के मेडिकल स्टूडेंट के साथ रैगिंग हुआ था, जबकि दूसरे मामले में पारामेडिकल स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग हुआ है। एम्स के एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस मामले में पांच स्टूडेंट्स को दोषी पाया है, जिसे तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। दूसरे मामले में सात पारामेडिकल स्टूडेंट्स के खिलाफ एक्शन लिया है।

देश के सबसे बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूट एम्स में भी रैगिंग के मामले आने से जहां एक तरफ प्रशासन परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ सख्त एक्शन लेकर यह जता दिया है किसी भी सूरत में एम्स में रैगिंग बर्दास्त नहीं किया जाएगा। एम्स ने मिली जानकारी के अनुसार एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के एक स्टूडेंट ने एंटी रैगिंग कमेटी के सामने अपनी शिकायत की थी कि उसके साथ रैगिंग की गई
है। आरोप लगाया गया कि उसके खिलाफ एमबीबीएस पांचवें समेस्टर के कुछ स्टूडेंट्स ने रैगिंग की है। मामले की गंभीरता को देचाते हुए एंटी रैगिंग कमेटी ने आरोपी डॉक्टर को सुनवाई के लिए बुलाया। सुनवाई के दौरान कमेटी ने पांच स्टूडेंट्स को दोषी पाया और अगले तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है। अब ये स्टूडेंट्स अगले तीन तहीने तक न तो अपने क्लास अटेंड कर
पाएंगे, न किसी ऐकेडेमिक एक्टिविटी में भाग ले पाएंगे और न ही हॉस्टल आ पाएंगे।

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