नई दिल्ली,
देश भर मे कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निजी कंपनियों ने अधिक से अधिक मेडिकल उपकरण और वेटिंलेटर उपलब्ध कराने की बात कही है। इस समय देशभर में कोरोना के 1673 पॉजिटिव मरीज देखे जा चुके हैं। 150 कोरोना मरीज संक्रमण से ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 35 मरीजों की मौत हो चुकी है। तीन प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर पर है। मरीजों की संख्या के अनुसार वेंटिलेटर की कमी को दूर करने के लिए निजी कंपनियों ने सहायता के लिए सरकार से बात की है।
इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडट्री की ओर से जारी एक बयान में राजीव नाथ ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार की सहायता करने के लिए कई आटोमोबाइल इंडस्ट्री ने सहायता की बात की है। इसके लिए हाल ही में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक खत भी भेजा गया है। मारूति, महिन्द्रा, टाटा मोटर्स, सूजुकी सहित सभी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां मई महीने के अंत तक पचास हजार वेंटिलेटर तैयार कर देगीं। ऑल इंडिया मेडिकल डिवाइस एसोसिएशन के साथ मिलकर सरकार को भेजे एक प्रस्ताव में सभी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने वेंटिलेटर बनाने की बात कही है। देशभर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए कंपनियों ने यह कदम उठाया है, केवल वेंटिलेटर ही नहीं। कंपनियों ने अन्य पीपीई पर्सनल प्रोटेक्शन इंक्यूपमेंट बनाने की भी बात कही हैं, जिसमें मास्क, बॉडी कवर, गाउन, शूज और ग्लास शामिल हैं। राजीव नाथ ने बताया कि इस समय वेंटिलेटर बनाने की एक प्रमुख निजी कंपनी ने महिन्द्रा, बीएचईएल और बीईएल के साथ समझौता किया है। जिसकी मदद से हर महीने दो हजार वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जा सकेंगें। देश की जरूरत के हिसाब से निजी कंपनियों की सहायता से अप्रैल महीने के अंत तक यह संख्या प्रत्येक माह 5500 संभव हो सकेगी। एक अनुमान के आधार पर मई महीने तक देशभर में एक से दो लाख वेंटिलटर की जरूरत होगी। इस समय मुंबई में 800-1000 वेंटिलेटर, तमिलनाडू और मध्यप्रदेश में 1500 से 1800, बंगलूरू में 400 जबकि केरल में 5000 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं