कहीं आपका भी लीक तो नहीं कर रहा है़ !

leakनई दिल्ली: मूत्र का रिसाव (यूरिनरी लीकेज) की समस्या से जूझ रहीं महिलाओं के इलाज की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है, क्योंकि शोधकर्ताओं ने इस समस्या के लिए जिम्मेदार एक जीन की पहचान की है, जो मूत्राशय के संकुचन में अपनी अहम भूमिका निभाता है। यूरिनरी लीकेज महसूस करना महिलाओं की आम समस्या है। लगभग 50 फीसदी महिलाओं कभी न कभी मूत्र का रिसाव (यूरिनरी लीकेज) महसूस होता है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज में आगंतुक शोधकर्ता रूफुस कार्टराइट कहा, ‘‘कम से कम 25 फीसदी महिलाओं की यह समस्या इतनी विकराल होती है कि इससे उनकी जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।’’

कार्टराइट ने कहा, ‘‘इसलिए इस समस्या का अनुवांशिक कारण तथा प्रभावी इलाज की खोज प्राथमिकता में है।’’ नए निष्कर्ष के मुताबिक, अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल में लाई जा
रही दवाएं ही यूरिनरी लीकेज की समस्या के निदान में कारगर साबित होंगी। शोधकर्ताओं ने फिनलैंड तथा ब्रिटेन में तीन समूहों की 9,000 महिला प्रतिभागियों का जीनोम-वाइड एसोसिएशन स्टडी (जीडब्ल्यूएएस) किया और छह अध्ययनों के बाद अपने निष्कर्ष की पुष्टि की। अध्ययन के आंकड़ों के आधार पर शोधकर्ताओं ने ‘इंडोथेलिन जीन’ की पहचान की, जो मूत्राशय के संकुचन की प्रक्रिया में शामिल पाया गया। इंडोथेलिन की कार्यशैली को प्रभावित करने के लिए उन्हीं दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें पल्मोनरी हाइपरटेंशन तथा रायनुड्स सिंड्रोम के इलाज में किया जाता है। अध्ययन के निष्कर्ष को डेनमार्क के कोपेनहेगेन में 27-30 मई के बीच आयोजित यूरोपीय सोसायटी ऑफ ह्यूमन जेनेटिक्स में पेश किया जाएगा।

source: आईएएनएस

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