कुमार पुरेन्द्र :
भारतीय विज्ञान संस्थान के (आईआईएस) वैज्ञानिकों के एक दल ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो कुछ मिनट में ही वाष्पीकरण की दर माप सकता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जयवंत एच. अराकेरी ने बताया है कि यह उपकरण मौजूदा उपकरणों की तुलना में किफायती और प्रभावी है।
उन्होंने कहा कि यह उपकरण, पौधों और मृदा से वाष्पीकरण के ज्यादा सटीक नतीजे देता है। यह अध्ययन एक पत्रिका-जरनल ऑफ हॉइड्रोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। पौधों और मृदा के वाष्पीकरण को मापना किसानों के लिए आवश्यक है जिससे उन्हें सिंचाई की जरूरतों के बारे में पता चल सके। इससे मौसम केंद्रों को भी स्थानीय वातावरण का आंकलन करने में मदद मिलेगी। जैव वैज्ञानिक इसका इस्तेमाल पौधों के विभिन्न हिस्सों का वाष्पीकरण मापने के लिए भी कर सकेंगे। प्रोफेसर अराकेरी ने कहा कि इस उपकरण को तैयार करने के लिए वे इच्छुक कंपनियों का इंतजार कर रहे हैं।