गर्भवती महिलाएं 13वें हफ्ते में लगवाएं कोविड वैक्सीन तो अधिक बेहतर

दो जुलाई को सरकार ने कोविड टीकाकरण अभियान में एक अहम निर्णय लिया। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड वैक्सीन को शुरू कर दिया है। अब गर्भवती महिलाएं भी कोविन एप पर जाकर वैक्सीन के लिए पंजीकरण करा सकती हैं। यह सुविधा वॉकइन रजिस्ट्रेशन पर भी लागू होगी। एनटागी (नेशनल टेक्निकल एडवाजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन) और नेगवैक (द नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड19) की सिफारिश के बाद इसकी सार्वजनिक घोषणा की गई कि कोविड वैक्सीन गर्भवती महिलओं के लिए भी सुरक्षित है और महिलाएं इसे बिना किसी झिझक के ले सकती है। इससे नवजात शिशु को भी मां की एंटीबॉडी से संक्रमण के प्रति सुरक्षा प्राप्त होगी। पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं के दिमाग में कोविड वैक्सीन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। विशेषज्ञों से हुई बातचीत में सभी सवालों का जवाब जानने की कोशिश की गई।

कब लगवाएं गर्भवती महिलाएं कोविड वैक्सीन

नये दिशा निर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कभी भी कोविड का वैक्सीन लगवा सकती हैं, जो महिलाएं गर्भधारण के बारे में विचार कर रही हैं, बेहतर होगा कि वह पहले ही टीकाकरण करा लें। यदि कोई महिला वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज के बाद गर्भवती होती है तब भी चिंता की कोई बात नहीं है। मौजूदा वैज्ञानिक प्रमाणों के मुताबिक किसी भी स्वीकृत वैक्सीन का भ्रूण पर कोई गलत प्रभाव नहीं देखा गया है। गर्भ ठहरने के 13वें हफ्ते के बाद गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का सबसे आदर्श समय माना गया है। इस समय गर्भवती महिला को टिटनेस टॉक्साइड टीटी का टीका भी लगवाना होता है, उपर्युक्त होगा कि टीटी की वैक्सीन के साथ ही कोविड का वैक्सीन भी ले लिया जाएं। अन्य लोगों को वैक्सीन लगने वाले साइड इफैक्ट्स जितने ही मामूली साइड इफेक्ट्स गर्भवती महिलाओं में भी होगें इससे घबराने की बात नहीं है। अब केवल गर्भवती महिलाएं ही नहीं स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन ले सकती हैं, इससे मां की एंटीबॉडी शिशु के शरीर तक पहुंच जाती है, इसलिए नवजात को संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकता है।

सुरक्षित है गर्भवती महिलाओं के कोविड वैक्सीन

वैक्सीन शोध के लिए देशभर में इस समय कई कमेटियां काम कर रही है। गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन के दायरे में शामिल करने के लिए संबंधित सभी एजेंसियों से सुझाव मांगे गए, इससे पहले आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने इस बात की अनुशंसा की कि कोविड की सभी वैक्सीन गर्भवती महिलाएं और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए सुरक्षित है। इसलिए गर्भवती महिलाएं वैक्सीन ले सकती है इससे गर्भ में पल रहे शिशु की भी कोविड संक्रमण से रक्षा हो सकेगी। विशेषज्ञ कमेटी में एनटागी, नेगवैक के अलावा गर्भवती महिला और नवजात शिशु रक्षा में काम कर रही फॉगसी (द फेडरेशन ऑफ आबस्टे्रटिक एंड गाइनेक्लॉजी) से भी सुझाव मांगे गए। वैज्ञानिक सुझावों और प्रमाणित शोध के बाद पाया गया टीकाकरण के बाद बनने वाली एंटीबॉडी जिसे इम्युनोग्लोबुलिन ए मां के दूध के जरिए शिशु तक पहुंचती है, इसलिए टीकाकरण के पहले और बाद में भी महिलाओं को स्तनपान जारी रखना चाहिए। इसी तरह गर्भवती महिलाएं भी यदि कोविड संक्रमित होती है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की कभी भी जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में शिशु यदि नौ महीने पहले या प्री मैच्योर बेबी होने पर या वजन कम होने पर शिशु को बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भवती महिला को यदि पहले से वैक्सीन लगा होगा तो ऐसी किसी परेशानी से बचा जा सकता है क्योंकि वैक्सीन संक्रमण की गंभीर स्थिति से बचाती है। जो गर्भवती महिलाएं मोटापे या थॉयरॉयड की समस्या से पीड़ित रहती हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड19 टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को इस अतिरिक्त जोखिम से बचाता है।

कुछ जरूरी बातें
– टीकाकरण के लिए गर्भवती महिलाएं खाली पेट न जाएं, भोजन करने के बाद भी वैक्सीन लिया जा सकता है।
– यदि गर्भवास्था के दौरान महिला को कोविड हो गया तो प्रसव के बाद तुरंत कोविड का वैक्सीन लिया जाना चाहिए
– एनीमिया, 35 साल अधिक उम्र की गर्भवती महिला, ओबेसिटी या उच्च रक्तचाप की शिकार महिलाओं को कोविड वैक्सीन अवश्य लेना चाहिए, यह संक्रमण की गंभीरता को कम करता है।
– वैक्सीन पर गर्भवती महिलाएं कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन अवश्य करें, जैसे कि मास्क पहन कर रखें, सामाजिक दूरी का पालन करें और नियमित रूप से हाथ धोते रहें।
नोट- जानकारी लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की महिला एवं प्रसूति विभाग की प्रमुख डॉ. मंजू पुरी से की गई बात पर आधारित

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