वाशिंगटन, :भाषा: एक नये अध्ययन के अनुसार जीका वायरस अजन्मे बच्चों के लिए हमारी सोच से ज्यादा खतरनाक हो सकता है और इससे लंबे समय तक बनी रहने वाली आंख की बीमारियां हो सकती हैं। अमेरिका के विस्कोंसिन-मेडिसन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बंदरों पर किए गए अनुसंधान में पता लगाया कि जीका विषाणु का संक्रमण पूरी कुशलता से बंदरिया से उसके भू्रण में चला जाता है जिससे भ्रूण को सहारा देने वाले उतकों को काफी क्षति पहुंचती है।
इस खोज से पता चलता है कि हम जितना सोचते हैं, विषाणु से इंसानों के अजन्मे बच्चे के लिए उससे कही ज्यादा खतरा है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टेड गोलोज ने कहा, ‘‘जानवरों के नमूने में पाए गए उच्च स्तर के खतरे से मानवीय गर्भधारण में संक्रमण के गंभीर खतरे का पता चलता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह गंभीर बात है, अगर माइक्रोसेफली (जीका से होने वाला शारीरिक विकार) गर्भावस्था में संक्रमण का शिकार होने वाले बच्चों के लिए समस्या का एक छोटा सा हिस्सा है तो बाकी की समस्या हमारी सोच से कहीं ज्यादा बडी हो सकती है। यह अध्ययन चिकित्सा क्षेत्र की पत्रिका ‘पीएलओएस पैथोजेंस’ में प्रकाशित किया गया है।