लॉस एंजिलिस : भाषा: चीन की पारंपरिक औषधियों में पाए जाने वाले रसायन अगली पीढ़ी के ‘मॉलिक्यूलर कंडोम’ बनाने में इस्तेमाल किए जा सकते हैं जो आज के हार्मोन आधारित गर्भ निरोधक का सुरक्षित विकल्प साबित हो सकता है। दो पौधे ‘थंडर गॉड वाइन और एलॉय’ से निकलने वाले रसायनों का अगर कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो वे प्रभावी होते हैं और उनका अंडाणु या शुक्राणु पर कोई विपरीत असर नहीं पडता। साथ ही यह अंडाणु और शुक्राणु के मेल यानी निषेचन को रोकने में कारगर होता है।
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बरकली के शोधकर्ताओं के अनुसार, ये रसायन सहवास से पहले या बाद में लिए जाने वाले गर्भनिरोधक का काम कर सकते हैं। साथ ही स्किन पैच या वैजाइनल रिंग के जरिए स्थायी गर्भनिरोधक का काम कर सकते हैं। महिला के जनन तंत्र में प्रवेश करने पर पुरष के शुक्राणु को परिपक्व होने में पांच से छह घंटे का समय लगता है। इन रसायनों के लिए यह समय पर्याप्त है जिसमें वे जनन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं और गर्भ धारण करने की प्रक्रिया को रोक सकते हैं। इन दो रसायनों के जनन रोधी गुणों की खोज करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर पोलिना लिश्को ने कहा, ‘‘ये नई पीढ़ी के आपात गर्भनिरोधक हो सकते हैं. हमने इन्हें ‘मॉलिक्यूलर कंडोम’ नाम दिया है। यह शोध पत्रिका ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है।