नई दिल्ली: ओडिशा के कंधमाल जिले के सिर से आपस में जुडे जुडवा बच्चे जगा और कालिया सर्जरी के बाद नये साल में नई जिंदगी की उम्मीद कर रहे हैं। अब एक दूसरे से अलग-अलग होकर एम्स के एक वार्ड से उनके बाहर आने की उम्मीद है।सिर से आपस में जुडे जुडवा बच्चों को एक दूसरे से अलग करने के लिए 21 घंटे तक चली सर्जरी के दो महीने पांच दिन हो चुके हैं। सर्जरी के बाद करीब एक महीने तक वे जिंदगी के लिए जूझते रहे थे।
हालांकि, जगा के स्वास्थ्य में क्रमिक सुधार हुआ, वहीं कालिया का स्वास्थ्य कुछ मौकों पर इतना बिगड गया कि उसका बच पाना मुश्किल प्रतीत होने लगा था। लेकिन डॉक्टरों के लगन और बच्चों के माता पिता के भरोसे की वजह से अब कालिया पिछले तीन हफ्तों से वेंटीलेटर से बाहर आ गया है। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कालिया की हालत अब बेहतर हो रही है। उन्होंने बताया, उसे अब एक ट्यूब के जरिए आहार दिया जा रहा और कुछ मात्रा में वह अपने मुंह से तरल आहार भी ले रहा है। वह अक्सर ही अपने माता पिता को देख कर मुस्कुराता है और शायद चीजों को भी समझता है।
इन बच्चों के माता पिता के लिए पिछले करीब छह माह काफी चुनौतीपूर्ण रहे। अपने बेटों के स्वस्थ्य होने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोडी। दो साल आठ महीने के जुडवा बच्चों की मां पुष्पांजलि कन्हार ने कहा, जगा और कालिया मेरे कलेजे के दो टुकडे हैं. मुझे भरोसा है कि वे दोनों जल्द अच्छे हो जाएंगे और हम ओडिशा स्थित अपने मिलीपाडा गांव लौट जाएंगे। एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता ने बताया कि जगा सामान्य आहार ले रहा है जिसमें अंडे और केला आदि शामिल है. वह अपने माता पिता से बात भी कर रहा। वह सहारे के साथ खडा हो रहा और चल भी रहा है।
एम्स के न्यूरोसांइस प्रमुख डॉ एके महापात्र ने बताया कि इस उम्र में आमतौर पर बच्चों के मस्तिष्क का वजन करीब 700-800 ग्राम होता है लेकिन सर्जरी के जरिए एक दूसरे से उन्हें अलग करने के बाद उनमें से प्रत्येक के मस्तिष्क का वजन अब करीब 400- 500 ग्राम है. विशेषज्ञों के मुताबिक सिर से एक दूसरे से जुडे जुडवा बच्चों की यह भारत में प्रथम सर्जरी है।