नई दिल्ली: जो महिलाएं बहुत अधिक स्ट्रेस और प्रेशर में जॉब करती हैं उन्हें बेहतर माहौल में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और बाईपास सर्जरी का खतरा ज्यादा होता है। अगर महिलाओं में जॉब के दौरान स्ट्रेस या काम का प्रेशर कम होता है तो उन्हें इस बीमारी का भी खतरा कम रहा है।
एक इंटरनैशनल स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। 10 साल तक 17,000 हज़ार महिलाओं पर किए गए इस स्टडी में यह बात सामने आई है कि बहुत अधिक स्ट्रेस के माहौल में काम करने वाली महिलाओं को दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा 40 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। स्ट्रेस वाली जॉब में ऐसे काम शामिल हैं, जिसमें जिसमें मेहतन बहुत ज़्यादा होती है, लेकिन फैसला लेने का अधिकार और क्रिएटिविटी बहुत कम होता है। कम मेहनत वाले और ज्यादा अधिकार के साथ काम करने वाली महिलाओं की तुलना में नौकरी में काम करने के तरीके चुनने की आज़ादी के बिना ज़्यादा मेहनत वाला काम करने वाली महिलाओं में दिल के दौरा पड़ने की संभावना करीब दुगनी संभावना होती है।
इस बारे में आईएमए के प्रेसिडेंट और हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ के के अग्रवाल कि फाइट हार्मोन के रिसाव से होने वाला स्ट्रेस नुकसानदायक हो सकता है, जिससे शरीर में सूजन और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसी जगह में महिलाओं को नौकरी जाने का बहुत डर होता है, इसलिए उनमें दिल के रोगों को बढ़ाने वाले हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल और ज्यादा वजन जैसे लक्षण अधिक पाए जाते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि कामकाजी स्ट्रेस से कोरोनरी आरटरी में सूजन शुरू हो सकती है, जिससे ब्लड के थक्के जम सकते हैं जो दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकता है।