नई दिल्ली,
एम्स में भर्ती पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को डायबिटिज सहित स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हैं, जिसका वह लंबे समय से इलाज करा रहे है। सेहत नासाज होने की वजह से ही वह लोकसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका नहीं निभा पाएं, बीते साल दिसंबर महीने में भी उनकी तबियत गंभीर रूप से खराब होने की खबरें सामने आ रही थीं, लेकिन इसी समय पूर्व वित्त मंत्री एक पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में पहुंचे, जिसके बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया। शुक्रवार सुबह भी भाजपा नेता स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए एम्स पहुंचे थे, दोपहर बाद अचानक उनकी सांस उखड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सितंबर 2014 में उन्होंने मैक्स अस्पताल में वजन कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी कराई, बताया गया कि सर्जरी के बाद संक्रमण की शिकायत होने पर उन्हें एम्स लाया गया, जहां कई दिन इलाज करने के बाद वह ठीक हो पाएं। मई 2018 में पूर्व वित्त मंत्री एक बार फिर एम्स में किडनी प्रत्यारोपण कराने के लिए पहुंचे, किडनी प्रत्यारोपण सफल रहा, पहले यह सर्जरी अप्रैल में होनी थी लेकिन डोनर न मिलने के कारण इसे मई तक टाला गया। किडनी प्रत्यारोपण एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के भाई डॉ. संदीप गुलेरिया द्वारा किया गया, जो वित्त मंत्री के पारिवारिक चिकित्सक हैं। अरुण जेटली बीते कई साल डायबिटिज से भी जूझ रहे हैं, इस बीच उन्हें साफ्ट ट्श्यिू कैंसर की भी शिकायत हुई, जिसका इलाज उन्होंने अमेरिका जाकर कराया। 65 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री की हालत को एम्स ने स्थिर और खतरे से बाहर बताया है। उन्हें दोपहर बाद से ही आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा स्पीकर ओमबिड़ला, अश्विनी चौबे उनसे मिलने एम्स पहुंचे।