डायबिटीज और प्रिग्नेंसी

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गर्भावस्था यानि प्रिग्नेंसी के दौरान किसी महिला को स्वस्थ रहना हो तो खून में शुगर पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी हैं। खासकर जब कोई महिला गर्भवती की तैयारी कर रही हो और या फिर ग्रभावस्था का दौरान। इसके लिए आपको एक खास मधुमेह प्लान बनाना ही होगा, जिसमें आपको भोजन, व्यायाम और इंसुलिन में पूरा संतुलन बना रहे। अपने खून में शुगर का लेवल सामान्य बनाकर और सही दवांए लेकर आप अपनी ग्रर्भावस्था स्वस्थ बना सकती हैं और आप भी एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती हैं।

शुरुआत ऐसे करें:-
गर्भवती होने से पहले ही अपने मधुमेह पर नियंत्रण रखना शुरू कर दें। गर्भवती होने की योजना के तीन से छह महीने पहले से ही खून में शुगर पर नियंत्रण रखना शुरू कर देने से आपको अपनी गर्भावस्था के दौरान कोई परेशानी नही होगी।

गर्भावस्था के दौरान देखभाल:-
अपने डाक्टर के दिए गए समय पर अपने खून में शुगर की जांच अवशय करवाएं। हो सकता है वह आपको हर दीन 8 बार जांच करवाने के लिए सिफारिश करे। हो सकता है इसमें भोजन के बाद किया जाने वाला परीक्षण भी शामील हो। इन सभी परिणामों को अपनी डायरी में अवश्य दर्ज करें।

: अपने भोजन तालिका और व्यायाम को भी दर्ज करें।
: डाक्टर के सलाह के बाद ही अपने भोजन और इंसुलिन की खुराक में परिवर्तन करें।
: हो सकता है गर्भावस्था के दौरान आपको अतिरिक्त इंसुलिन की आवश्यकता पड़े। अगर आप टाइप-2 शुगर की गोलियां ले रहे है तो हो सकता हैं गर्भावस्था के दौरान आपका डाक्टर इंसुलिन लेने की सलाह द्ं।
: गर्भावस्था के दौरान हो सकता है आप औप आपका का डाक्टर मिलकर आपके भोजन में भी किसी तरह का बदलाव करे ताकि खून में शुगर का स्तर कम या ज्यादा न होने पाए।
: अपनी व्यायाम योजना के विषय में अपने डाक्टर की सलाह अवश्य ले। डॉक्टर से यह अवश्य पूछें कि क्या आप अपना मौजुदा व्यायाम जारी रख सकती है या फिर गर्भवती के बाद ही व्यायाम शुरू करना आपके लिए ज्यादा सुक्षित रहेगा। बहरहाल, गर्भवती होने के बाद समान्य रूप से ज्यादा या भारी व्यायाम करना उचित नही होता।
: पैदल चलना ,हल्के एरोबिक्स, तैराकी या वाटर एरोबिक्स जैसे व्यायाम सबसे सही होते हैं।
: आमतौर पर शुगर ग्रस्त महिलाओं को पर प्रसूति नहीं करना चाहिए।

प्रसूति यानि डिलिवरी के बाद:
यदि आप सचमुच अपने शिशु की बढ़िया देखभाल करना चाहती हैं, तो जरूरी हैं कि पहले आप अपनी देखभाल सही तरीके से करें। गर्भावस्था के दौरान अपने खून में शुगर पर नियंत्रण को आप प्रसूति के बाद भी जारी रख सकती हैं:
: शिशु को दूध पिलाने से पहले नाश्ता अवश्य करें।
: अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
: दूध पिलाते समय खून में शुगर कम होने पर ली जाने वाली दवा सांथ आवश्य रखे।
: अपने डाक्टर से एक स्वस्थ – संतुलित आहार तालिका बनवाएं।

कुछ सामान्य सवाल और इनके जवाब
सवाल : क्या मेरे बच्चे को भी शुगर होगा ?
जवाब : शुगर रहित स्त्री की तुलना में इसका जोखिम थोड़ी मात्रा में होती है।
सवाल : क्या मेरे शिशू के कोई अंग विकृत हो सकती हैं?
जवाब : यदि शुगर पुरी तरह नियंत्रण में हो तो, ऐसा जोखिम आपके लिए भी उतना ही होगा, जितना एक शुगर रहित महिला को होता हैं। ऐसे मामलो में शिशू का वजन समान्य अधिक हो सकता हैं।
सवाल : क्या मेरी प्रसूति समान्य होगी ?
जवाब : जी हां, यही तो आपके प्रयासों का उदे्श्य हैं, बहरहाल, हो सकता है आपको डिलीवरी के कुछ सप्ताह पहले ही अस्पताल में भर्ती कर दिया जाए।
सवाल : क्या में स्तनपान करा सकती हैूं ?
जवाब : बिल्कुल. शुगर रहित किसी भी समान्य स्त्री की तरह।

याद रखिए:
गर्भाधान की योजना बनाते समय और गर्भावस्था के दौरान अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें

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